कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार देश में कपास का उत्पादन मुख्य रूप से गुजरात, कर्नाटक, तेलांगाना व महाराष्ट्र में बारिश की कमी के कारण 328 लाख गांठ होने का अनुमान है। सीएआई के मुताबिक पिछले 10 वर्षों में यह उत्पादन सबसे कम है। पिछले साल कपास का उत्पादन 365 लाख गांठ था, इस प्रकार इस साल की फसल में 37 लाख गांठ की कमी होगी। इससे पहले कपास का सबसे कम उत्पादन 2009 में हुआ था, जब 305 लाख गांठों का उत्पादन किया गया था। इस साल 123 लाख हेक्टेयर पर कपास की बुआई की गई थी लेकिन सितम्बर में सामान्य से भी बारिश कम होने और अक्टूबर में पूरी तरह से सूखा रहने की वजह से फसल प्रभावित हुई। गुजरात में 28 फीसदी और मुख्य राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना व महाराष्ट्र में भी बारिश कम हुई, जिसकी वजह से कपास की इतनी कम पैदावार हुई।
इधर म.प्र. में भी वर्ष 2018-19 में कपास की बोनी 6.14 लाख हेक्टेयर में हुई है तथा उत्पादन 9.76 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया गया है। जबकि गत वर्ष 2017-18 में 6.03 लाख हेक्टेयर में कपास बोई गई थी तथा उत्पादन 9.52 लाख गांठ हुआ था। गत वर्ष देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून असामान्य रहने के बाद कपास उत्पादक प्रमुख राज्यों में सूखे जैसे हालात हो गए थे। भारतीय कपास संघ ने पूर्व में 3.43 करोड़ गांठ उत्पादन रहने का अनुमान जताया था जिसे पुन: संशोधन कर 3.28 करोड़ गांठ किया गया।
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स्रोत: Krishak Jagat