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स्थानीय फसलों के जैविक बीजों को किसानों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पहली बार प्रदेश में इंदौर के पास सनावादिया गांव में जैविक बीज बैंक की स्थापना की जाएगी। शुरू में बैंक के जरिये किसानों को निशुल्क बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे। ऐसे किसान जो जैविक खेती कर रहे हैं, वे भी अपने बीज इस बैंक में जमा कर पाएंगे। किसान आपस में बीज का आदान-प्रदान भी कर सकेंगे। 16 फरवरी को इस बैंक की नींव रखी जाएगी।
इससे जुड़े गोविंद माहेश्वरी ने बताया कि उनके फार्म पर विकसित किए जाने वाले इस बैंक से नियमित रूप से एक निश्चित समय में बीज दिए जाएंगे। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरुआत में किसानों को निशुल्क बीज देकर उन्हें कहा जाएगा कि वे इससे दोगुना उपज प्राप्त कर इसे वापस लाकर जमा करें। सनावादिया के गौतम कासलीवाल और गोविंद माहेश्वरी के अलावा बड़ा बांगड़दा गांव के विशाल पटेल, कजुरिया के राकेश पोरवाल, निवानिया के परीक्षित जोशी, कम्पेल के दिनेश कार्थी भी बैंक से जुड़े हैं। विजय चौरसिया के अनुसार शहर में अभी तक ऐसा कोई बीज बैंक नहीं है, जहां किसानों को स्थानीय फसलों के बीज प्राप्त हो सकें। कृषि कॉलेज और दूसरे केंद्रों पर जो पुराने बीज रखे जाते हैं वो अनुसंधान के लिए उपयोग किए जाते हैं। ऐसे में यह बैंक हमारे लिए उपयोगी होगा।
शुरुआत में बैंक से ज्वार, उड़द, तुअर, गेहूं, अंबाड़ी, मटर, लौकी, गिलकी, भिंडी, बालौर, चवली आदि फसलों के देशी बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
बीज इकट्ठा करने वाला अभी कोई बैंक नहीं
जैविक बीजों को इकट्ठा कर उपलब्ध कराने का कोई बैंक अभी प्रदेश में नहीं है। बीज निगम अजैविक बीज उपलब्ध कराता है। जैविक उत्पाद मांग पर जरूर प्रदान किए जाते हैं। यह एक अच्छी शुरुआत होगी। -आरएल ओसारी, सचिव, मध्यप्रदेश बीज निगम
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स्रोत: Nai Dunia