फलों में मोम लगाने की शिकायतें, चमकाने के लिए तो नहीं हो रहा उपयोग, लिए नमूने

January 12 2019

राजधानी में खाद्य विभाग एवं औषधि विभाग ने शुक्रवार को फल बाजार से नमूने लिए। दरअसल लगातार शिकायतें आ रही थीं कि फलों को चमकाने के लिए मोम लगाया जा रहा है। ऐसे फल को खाने में मुंह चिपचिपा लगता है। विभाग ने आशंका जताई कि कहीं पेट्रोलियम पदार्थ युक्त मोम का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा है। इसे खाने से शरीर की आंतें पूरी तरह से खराब हो सकती हैं। कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। यहां तक शरीर का नर्वस सिस्टम भी बंद हो सकता है।

इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर खाद्य विभाग ने फल बाजार से सभी फल के नमूने लिए। फलों की छोटी-छोटी दुकान से लेकर बड़े-बड़े गोदामों से सैंपल लिए, ताकि कोई भी स्रोत न छूटे। विभाग के अधिकारियों को शक था कि देश के अन्य बड़े शहरों में मोम युक्त फल बेचे जा रहे हैं, यह कारोबार यहां भी तो नहीं फल-फूल रहा है, लेकिन एक भी केस नहीं मिला। टीम को केवल एक-दो दुकानों में स्टीकर युक्त फल मिले। व्यापारियों को चेतावनी देकर विभाग ने छोड़ दिया। अधिकारियों ने बताया कि जांच का उद्देश्य मानव को रसायन युक्त फलों के सेवन से बचाना और शुद्ध फलों के सेवन के लिए प्रेरित करना है।

ऐसे पता लगाएं फल में मोम का इस्तेमाल तो नहीं हुआ

  • फल के ऊपरी हिस्से को नाखून या पेन के ढंक्कन से खरोचें|
  • मोम लगे फलों के ऊपरी हिस्से में हरापन होता है|
  • चख कर देंखे, स्वाद में जरा भी अंतर लगे तो न खाएं|
  • फलों में मोम और स्टीकर से होने वाले नुकसान

फलों में मोम के लेप से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। यह शरीर के नर्वस सिस्टम को भी पूरी तरह से बंद कर सकता है। ऐसे फल खाने से आंतों की पाचन क्रिया धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है। फलों में लगे स्टीकर भी हानिकारक होते हैं। इसमें भी कैमिकल मिलने की संभावना होती है, जिससे शरीर को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

 

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स्रोत: Nai Dunia