राज्य कृषि विपणन संघ ने बड़ा फै सला लेते हुए फरमान जारी कर दिया है कि प्रदेश की सभी मंडियों में एक जनवरी से कृषि उपज परिवहन के लिए ऑन लाइन अनुज्ञा पत्र ही जारी कि ए जाएंगे। वर्तमान में यह काम ऑफ लाइन हो जाता था। बहरहाल, यह व्यवस्था हो जाने से जहां व्यापारियों को होने वाले लाभ बताए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मंडी बोर्ड को भी इससे लाभ ही होगा।
गौरतलब है कि प्रदेशभर में तमाम मंडियां हैं। पूर्व में ई-अनुज्ञा को लेकर विरोध भी जताया गया था लेकि न बाद में इसमें संशोधन करते हुए इसे एक जनवरी से लागू करने का फै सला कि या गया हैं।
इसके तहत व्यापारी मंडी में टैक्स चुकाने के बाद माल ई-अनुज्ञा पत्र के आधार पर ही बाहर ले जा सकें गे। इसमें सत्यापन की प्रक्रिया का काम मंडी प्रबंधन का रहेगा। इसके तहत सभी अनाज से लेकर कपास तक को शामिल कि या गया है। हालांकि सब्जी के मामले को फिलहाल इस दायरे से बाहर ही रखा गया हैं। राजगढ़ मंडी की बात की जाए तो यहां पर करीब 240 से अधिक व्यापारी दर्ज हैं, जो एक जनवरी से इस नए नियम की जद में आ जाएंगे।
ऐसे समझें ई-अनुज्ञा पत्र को
ई-अनुज्ञा पत्र का सीधा सा तात्पर्य है कि खरीदी और टैक्स से संबंधित तमाम जानकारी एक प्रोफार्मा में कम्प्यूटर की मदद से ऑन लाइन भरने का कार्य व्यपारी द्वारा खुद ही कि या जाएगा। इसमें मंडी को कि तना टैक्स दिया गया, साथ ही कि तना माल खरीदा गया, की जानकारी होगी। यह जानकारी सार्वजनिक हो जाने के बाद इसका सत्यापन मंडी प्रबंधन द्वारा कि या जाएगा और व्यापारी को माल बाहर ले जाने की अनुमति मिल जाएगी।
व्यापारियों को मिलेगा पासवर्ड
बताया जा रहा है कि ई-अनुज्ञा पत्र के मामले में हर व्यापारी को उसका खुद का आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा। जैसे ही व्यापारी आईडी-पासवर्ड डालेंगे अनुज्ञा पत्र ऑन लाइन खुल जाएगा और उस प्रो-फार्मा में तमाम जानकारियां उन्हें खुद ही डालना होगी। इसके बाद यह जानकारी सार्वजनिक हो जाएंगी जिन्हें मंडी प्रबंधन आसानी से देख सके गा। यदि टैक्स नहीं भरा होगा तो सारी प्रक्रिया स्वतः निरस्त हो जाएगी।
वर्तमान में ऐसी ही प्रणाली
राजगढ़ कृषि उपज मंडी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब तक मंडी से व्यापारियों द्वारा क्रय कि ए जाने वाले माल को मंडी स्तर से ही अनुज्ञा पत्र उपलब्ध कराया जाता था और तमाम जानकारी मंडी स्तर से आगे भेजी जाती थी। इसमें थोड़ा वक्त जरूर लगता था। बहरहाल, व्यापारी इस प्रक्रिया से संतुष्ट थे।
यह गिनाए जा रहे फायदे
- व्यापारी स्वयं घर बैठे भी अनुज्ञा पत्र जारी कर सकें गे। मंडी प्रबंधन की मदद भी व्यापारी ले सकें गे।
- व्यापारी एक क्लिक पर ही कृषि उपज के क्रय-विक्रय/मंडी शुल्क/ शेष स्टॉक आदि की जानकारी कहीं भी देख सकें गे।
- व्यापारी उनके खाते की जानकारी का प्रिंट भी प्राप्त कर सकें गे। कागजों से मुक्ति मिल जाएगी।
- माह में दो पाक्षिक विवरणी, अनुज्ञा पत्र मंडी कार्यालय में 14 दिन के भीतर जमा करने व वर्ष के अंत में कराए जाने वाले लेखा सत्यापन से राहत मिलेगी।
राज्य कृषि विपणन संघ के प्रबंध संचालक से पत्र प्राप्त हुआ है। इसेक तहत एक जनवरी 2019 से ई-अनुज्ञा पत्र के आधार पर ही उपज परिवहन हो सके गा। इस मामले में अधिकारियों, कर्मचारियों और व्यापारियों का प्रशिक्षण भी हुआ है। निर्देशानुसार कार्य कि या जाएगा।
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स्रोत - Nai Dunia