उत्तर प्रदेश व बिहार में सात चरणों में होने वाले लोक सभा चुनाव की वजह से पंजाब में होने वाली गन्ने व गेंहू की कटाई और ढुलाई के लिए मजदूरों का संकट छाने लगा है। मजदूरों की कमी से किसानों की जेब पर बोझ व माथे पर ङ्क्षचता की लकीरें खिंचने लगी हैं।
होली के साथ ही चुनावी दौर शुरू होने की वजह से बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाले मजदूर वापिस जाने शुरू हो गए हैं। इसका असर सूबे के मालवा व माझा में ज्यादा दिखाई देगा। उधर, इस सब के बीच पंजाब में खेतों में काम करने वालों मजदूरों ने मजदूरी बढ़ा दी है और मंहगे दाम पर काम करवाना किसानों की मजबूरी बन गया है।
दोआबा किसान संघर्ष कमेटी के प्रवक्ता मुकेश कुमार ने माना की खेतों में काम करने वाले मजदूर ज्यादातर बिहार व उत्तर प्रदेश से आते हैं। बैसाखी के दिन पंजाब में गेंहू की कटाई का काम शुरू होता है। चुनाव खत्म होने से पहले ही कटाई खत्म हो जाएगी। होली के साथ ही चुनावी दस्तक से खेतों में काम करने वाले मजदूरों कमी खलने लगी है। 30 से 40 फीसदी के करीब मजदूर गांव लौट गए हैं।
मजदूर होली के बाद चुनाव निपटा कर आने की बात कह रहे हैं। चुनाव के दिनों में मजदूरों को अपने गांव के आसपास भी अच्छी खासी मजदूरी पर काम मिल जाते हैं। गेंहू की फसल तकरीबन तैयार हो चुकी है और गन्ने की कटाई शुरू है। गन्ना मिलें पहले ही भुगतान नहीं कर रही है और अब किसानों को मजदूरों की कमी का भी संकट झेलना पड़ेगा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रधान जसबीर ङ्क्षसह लिट्टा ने बताया कि बिहार व उतर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले लोक सभा चुनाव पंजाब के किसानों के लिए संकट खड़ा करेंगे। यहां बचे मजदूरों ने गन्ने की कटाई का रेट 30 रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल से बढ़ा कर 50 रुपये कर दिया है। भविष्य में गेंहू की कटाई व ढुलाई को लेकर भी समस्या विकराल रूप धारण करने वाली है। हालांकि दोआबा में जमीन एक समान होने की वजह से कंबाइन से गेंहू की कटाई और भूसा तैयार हो जाता है। माझा व मालवा में खेत समतल न होने व खेतों में पेड़ लगे होने की वजह से मजदूरों से की कटाई करवाना किसानों की मजबूरी है।
कृषि अधिकारी डॉ. नरेश गुलाटी ने कहा कि रोपड़, आनंदपुर साहिब से सटे इलाके व मालवा और माझा के ज्यादा इलाके में मजदूरों की जरूरत काफी पड़ती है। दोआबा में कंबाइन से कटाई कर चार पांच दिन में काम निपटा दिया जाता है।
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पंजाब में गेंहू का रकबा 30507000 हेक्टेयर
पैदावार 17850000 मीट्रिक टन
गन्ने का रकबा 1 लाख हेक्टेयर
पैदावार 7500000 टन
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स्रोत: Jagran