बीजापुर में 7000 हेक्टेयर कृषि भूमि को नहरों से जोड़ा

March 10 2020

कृषि और जल संसाधन सेक्टर में उल्लेखनीय कार्य के लिए बीजापुर ने देशभर के आकांक्षी जिलों में शीर्ष में रहते हुए तीसरा स्थान हासिल किया है। नीति आयोग द्वारा जनवरी माह की जारी डेल्टा रेंकिंग में बीजापुर तीसरे स्थान पर है। भारत सरकार के नीति आयोग ने जनवरी माह में देश भर के आकांक्षी जिलों में कृषि और जलसंसाधन के क्षेत्र में सतत विकास के लिए किए गए कार्यों में छत्तीसढ़ के बीजापुर जिले के कार्यों को बेहतर कार्य माना है। बीजापुर जिला को आयोग द्वारा जारी डेल्टा रेंकिंग में तीसरा स्थान मिला है।

पहले स्थान पर मिजोरम का मामित, दूसरे स्थान, चैथे और पांचवे स्थान पर झारखंड का हजारीबाग, रामगढ़ और लातेहर जिला है। इस मामले में जल संसाधन विभाग बीजापुर के जेपी सुमन ने बताया कि बीजापुर जिला सुदूर और अधिकांश क्षेत्र नक्सल प्रभावित है विगत कुछ वर्षों से यहां किसानों के लिए सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं थे परंतु अब नए सिरे से किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध कराने के लिए पुराने और जर्जर हालत में स्थित नहरों को मनरेगा के तहत ठीक करा कर किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

वर्तमान में करीब 7000 हेक्टेयर कृषि भूमि में किसानों के लिए सिंचाई के साधन उपलब्ध कराए गए हैं जिससे करीब 3000 किसान लाभान्वित होंगे। कृषि विभाग के उपसंचालक बीएस कुशरे ने बताया कि माइक्रो इरिगेशन के क्षेत्र में बेहतर काम किया गया और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए स्प्रिंकलर और सोलर सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाने पर बेहतर कार्य किया गया है और इसी का परिणाम है कि बीजापुर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।


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स्रोत: नई दुनिया