नरमा में मिलीबग से परेशान हैं किसान तो यह जानकारी पढ़ें, विशेषज्ञों ने बताया समाधान

July 25 2019

हिसार में नरमा की फसल में मिलीबग का प्रकोप देखने को मिला है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि अभी यह बीमारी शुरुआती स्टेज में है और इस का प्रकोप काफी कम है। कृषि अधिकारियों की मानें तो किसानों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि शुरुआती स्टेज के मिलीबग को खत्म करने के लिए परजीवी ही काफी है।

गौरतलब है कि जिले में करीब सवा लाख हेक्टेयर जमीन पर किसानों ने नरमा की बिजाई की हुई है। फिलहाल नरमे के पौधों में फूल आने शुरू हो गए हैं। ऐसी स्थिति किसी भी बीमारी का पता चलते ही किसान सतर्क हो रहे हैं।

यह उपचार अपनाएं किसान

कृषि विकास अधिकारी राजीव भाटिया के मुताबिक अगर खेत में दो-चार पौधों में ही मिलीबग की शिकायत है तो उन्हें जड़ से उखाड़कर जमीन में दबा दें। इसके अलावा अगर मिलीबग के शरीर पर काले रंग का धब्बा दिखाई दे तो यह एनेशिया नामक परजीवी है, जो मिलीबग को खाकर खत्म कर देता है। यदि मिलीबग का प्रकोप ज्यादा है तो प्रोफनोफोश 50 ईसी का 2.5 एमएल प्रति लीटर पानी के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 

यह नुकसान पहुंचाता है मिलीबग

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार उमस का मौसम मिलीबग के लिए अनुकूल होता है। यह पौधे का रस चूसता है, जिससे पौधे की बढ़वार रुक जाती है। पौधा इतना कमजोर हो जाता है कि वह खत्म होने की स्थिति में पहुंच जाता है।

चूरडा कीट नजर आए तो यह उपचार करें

विभाग के अनुसार अगर नरमे की फसल में चूरडा नामक कीट का प्रकोप ज्यादा है तो किसान निमीसीडिन एक लीटर या सपीनोशेड (ट्रेसर) 60 एमएल प्रति एकड़ 150 -200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा हरा तेला प्रति पत्ता दो या तीन से ज्यादा दिखाई दे तो किसान इमिडाक्लेप्रिड 17.8 एमएल का 0.5 एमएल प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

जिले में मिलीबग का इतना ज्यादा प्रकोप नहीं है। जो है, उसको परजीवी खत्म कर देता है। इसलिए किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। विभाग भी मॉनीटरिंग कर रहा है। -विनोद फौगाट, उप निदेशक, कृषि विभाग

 

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स्रोत: अमर उजाला