उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम सहकारी संस्थाओं और किसानों को भंडारण शुल्क में छूट देता है। सहकारी संस्थाओं को 10 फीसदी और किसानों को 30 फीसदी की छूट दी जाती है। साथ ही किसानों के लिए कृषक प्रसार सेवा योजना का संचालन हो रहा है। इसमें किसानों को अनाज के भंडारण व उनकी सुरक्षा के उद्देश्य से निगम प्रशिक्षित करता है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों मिले, इसके लिए भंडारण निगम और सहकारी संस्थाएं अपनी योजनाओं व कार्यों को नई तकनीक से अपनाते हुए पारदर्शी बनाएं।
किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से राज्य भंडारण निगम ने अपने आठ भंडारण गृहों को डब्लूडीआरए में पंजीकरण कराया है। भंडारगृहों में कृषि उत्पाद भंडारित करने से किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त कर सकता है।
एमडी श्रीकांत गोस्वामी ने कहा कि भंडारण निगम का मुख्य कार्यकलाप कृषि उपज, बीज, उर्वरक व अन्य वस्तुओं के वैज्ञानिक भंडारण व परिवहन की व्यवस्था करे। प्रदेश में निगम के 13 क्षेत्रीय कार्यालय, 156 भंडारगृह संचालित हैं। वर्तमान में निगम की कुल भंडारण क्षमता 41.54 मैट्रिक टन, स्वनिर्मित 25.13, किराए पर 4.65 और पीईजी 11.75 मैट्रिक टन की क्षमता के हैं।
उप्र राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजीव यादव ने बताया कि उपभोक्ता के क्षे9 में प्रदेश के किसानों के लिए मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत गेहूं-धान खरीद का कार्य किया जाता है।
शासन के सभी विभागों में स्टेशनरी आदि की विभागीय आपूर्ति कराई जाती है। स्थान व्यवसाय वृद्धि के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। इस मौके पर प्रमुख सचिव सहकारिता एमवीएस रामी रेड्डी, आयुक्त व निबंधक एसवीएस रंगाराव, अपर आयुक्त आंद्रा वामसी, विशेष सचिव जुनीद अहमद आदि मौजूद थे।
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स्रोत: अमर उजाला