भारत में दलहनी फसलों में चने के बाद अरहर की खेती सबसे अधिक की जाती है। अरहर को तुअर के नाम से भी जाना जाता है। विश्व की लगभग 85% अरहर का उत्पादन भारत में होता है। यह दाल प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इस अरहर की दाल की खपत देश में सबसे ज़्यादा होती है।
भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक तथा गुजरात आदि राज्यों में की जाती है। दलहनी फसल होने के कारण यह मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाती है। इसी बीच मौसम की अनियमितता की वजह से अरहर के उत्पादन में गिरावट नजर आई है, लेकिन यह गिरावट किसानों के लिए उम्मीद बन रही हैं।
दरअसल, अरहर दाल की बढ़ती मांग की वजह से महाराष्ट्र में तुअर दाल की कीमतों इजाफा होने की उम्मीद दिखाई दे रही है। इस वजह से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं।
बता दें कि बाज़ार में दाल मिल मालिकों और स्टॉकिस्टों में अरहर की दाल की मांग तेजी से बढ़ गयी है। इस वजह से किसानों को उम्मीद है कि दाल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी और इससे उन्हें काफी मुन्फा भी प्राप्त होगा।
तुअर दाल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी
सीज़न की शुरुआत से पहले ही तुअर दाल की कीमत 6,000 से कम थी, लेकीन पिछले सप्ताह रेट में 100 रुपये से 200 रुपये तक की बढ़ोतरी देखी गयी हैं। वहीं, अब वर्तमान में तुअर का 5 हजार 800 से 6 हजार 500 रुपए दाम बढ़े हैं। यह किसानों के लिए काफी राहत की खबर है।
महाराष्ट्र के राज्य अकोला, लातूर और अमरावती बाजारों में भी तुअर दाल की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है, इसलिए रेट में सुधार हो रहा है। नई तुअर का आगमन अब शुरू हो गया है और जैसे-जैसे मांग बढ़ रही है, किसानों का उत्साह भी बढ़ता दिख रहा हैं।
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स्रोत: Krishi Jagran