युवा किसान ने फसल परिवर्तन की दिखाई राह, थोड़ी लागत बढ़ी पर उत्पादन व आय बंपर

July 26 2021

जिले के मल्हार गांव के युवा किसान व कृषि की पढ़ाई कर रहे रोहन वर्मा ने एक एकड़ में केले की उन्न्त किस्म जी-9 की ब्रीड लगाकर फसल परिवर्तन को नई राह दिखाई है। कृषि के क्षेत्र में रोहन के नवाचार से प्रेरित होकर उनके पिता ने इसे पिछले साल लगाया था। वे बताते हैं कि 10 सालों तक वे उसी पेड़ से फसल लेंगे। इस किस्म में तने के निचले हिस्से को काट देने से अगले सीजन में नया पेड़ तैयार हो जाता है।

एक एकड़ में सामान्य धान की फसल लेने पर 12 हजार रुपये खर्च आता है और उत्पादन करीब 50 हजार रुपये तक होता है। केले की इस फसल में उन्हें 60 हजार रुपये पहले साल में और इस साल 30 हजार रुपये खर्च करने पड़े। धान में 38 हजार की आय होती है। वहीं केले में पहले साल दो लाख 40 हजार और अगले नौ सालों में दो लाख 70 हजार रुपये प्रतिवर्ष आय अर्जित करेंगे। कृषि के क्षेत्र में रोहन के नवाचार को पिता ने हाथों-हाथ लिया। सबसे पहले एक एकड़ के खेत को इसके लिए तैयार किया।

रोहन ने पिता को धान की जगह केले की खेती करने की बात बताई। केले की खेती कैश क्राप के रूप में जानी जाती है। जदुनंदन ने खेत को केले की खेती लायक तैयार किया। जदुनंदन ने एक एकड़ में 950 केले के पेड़ लगाए। आठ महीने की हाड़तोड़ मेहनत अब खेतों में नजर आने लगी है। केले के पेड़ फलों से लदा हुआ है। रोहन का नवाचार और जदुनंदन की मेहनत अब रंग ले आई है। एक महीने के बाद केले की तोड़ाई करेंगे और फिर बाजार में बेचेंगे।

जैविक खेती पर जोर

जदुनंदन ने बताया कि फसल परिवर्तन के साथ ही जैविक खेती पर उनका पूरा फोकस रहा। केले के पेड़ों को कीट पतंगों से बचाने के लिए रासायनिक दवाओं के बजाय दसपर्णी रस का निर्माण कर छिड़काव किया था। धान की खेती में भी वे पूरी तरह जैविक खाद का उपयोग करते हैं।

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स्रोत: Nai Dunia