रेज्ड बेड तकनीक से सोयाबीन के एक पौधे में 350 से ज्यादा फलियां

September 13 2021

 इस बार खरीफ सीजन में बारिश के लम्बे अंतराल से सोयाबीन फसल कई जगह प्रभावित हुई। कहीं-कहीं सोयाबीन में फलियां नहीं लगने की शिकायत भी सामने आई। लेकिन झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील के ग्राम सारंगी के उन्नत कृषक श्री बालाराम पाटीदार के खेत में रेज्ड बेड पद्धति से बोई गई सोयाबीन की आरवीएस 2069 किस्म की फसल न केवल स्वस्थ है, बल्कि करीब 75 प्रतिशत फसल में एक पौधे में 350 से ज्यादा फलियां लगी है। कहीं-कहीं यह संख्या 400 तक भी पहुंची है। शेष 25 प्रतिशत पौधों में भी कम से कम 200 फलियां लगी है। श्री बालाराम का यह वीडियो देखकर कई किसान अचरज कर रहे हैं।

श्री पाटीदार ने कृषक जगत को बताया कि उन्होंने करीब 20 बीघा में सोयाबीन की आरवीएस 2069 किस्म रेज़्ड बेड पद्धति से लगाई है। इसमें यूँ तो प्रति बीघा 10 किलो बीज ही लगता है, लेकिन सोयाबीन की दो चास के बीच में एक चास तुअर का भी लगाया है, इसलिए सोयाबीन का बीज और कम हो गया है। फसल पूरी तरह स्वस्थ है और कोई बीमारी नहीं है। श्री पाटीदार लगभग 80 प्रतिशत खेती जैविक ही करते हैं, जिसमें गोबर खाद का उपयोग किया जाता है,लेकिन इल्लियों के लिए कीटनाशक का प्रयोग करते हैं। श्री पाटीदार ने बताया कि फसल को देखकर किसान स्वयं रेज्ड बेड और रेज्ड फरो का अंतर समझ सकते हैं। उनका कहना है कि एक बीघे में 7-8 क्विंटल सोयाबीन का उत्पादन हो जाएगा।

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स्रोत: Krishak Jagat