ग्वालियर में ड्रोन से किसान करेंगे फसलों पर छिड़काव

January 22 2022

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत प्रक्षेत्र परिसर में गत दिवस इंदौर की सिजैंटा कंपनी ने ड्रोन तकनीक से खरपतवारनाशी के छिड़काव का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कंपनी ने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके राव की उपस्थिति में बताया कि किस प्रकार ड्रोन से खरपतवारनाशी के छिड़काव से समय, श्रम और फसल की लागत को कम करके किसानों को फायदा पहुंचाया जा सकता है।

यह प्रदर्शन कृषि विज्ञान केंद्र के पीछे प्रक्षेत्र परिसर में गेहूं के खेतों में किया गया। इस अवसर पर कंपनी के विशेषज्ञ अमोल सिथोले ने ड्रोन तकनीक से खरपतवारनाशी छिड़काव की उपयोगिता बताते हुए कहा कि 1 हेक्टेयर के खेत में 500 लीटर पानी का उपयोग करते हुए करीब तीन श्रमिक 2 से 3 घंटे तक जब खरपतवारनाशी का छिड़काव करते हैं तब छिड़काव पूरा होता है। जबकि ड्रोन तकनीक से 6 मिनिट की अवधि में 20 लीटर पानी से 1 हेक्टेयर फसल पर छिड़काव किया जा सकता है। इस तरह ड्रोन का उपयोग किसानों के समय, श्रम और लागत मूल्य को कम कर सकता है। प्रदर्शन के दौरान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके राव ने सिजैंटा के प्रतिनिधियों से वर्तमान में इसकी उपयोगिता एवं परिणामों के बारे में जानकारी ली एवं कहा कि किसानों की फसल की लागत को कम करते हुए उनकी आमदनी को बढ़ाने में ड्रोन तकनीक कारगर होती है तो इसका भविष्य में कृषि की अन्य गतिविधियों में भी बेहतर उपयोग किया जा सकता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, विद्यार्थीगण एवं कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े किसान भी प्रदर्शन के दौरान उपस्थित थे।

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स्रोत: Nai Dunia