गोरखपुर जिले में मंगलवार देर रात से बुधवार सुबह तक हुई झमाझम बारिश किसानों के लिए सोना बनकर बरसी। अधिकतर किसान खेत सींचने की तैयारी कर रहे थे। कुछ ने शुरू भी कर दिया था। बारिश होने से अब किसानों को एक सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। इस बारिश से किसानों को धन की काफी बचत हो गई। डीजल की महंगाई के कारण एक एकड़ खेत की सिंचाई के लिए दो हजार से अधिक रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
इस साल अक्तूबर में भारी बारिश के कारण खेतों में काफी दिनों तक जलभराव रहा। इसके चलते धान की फसल की कटाई भी विलंब से हुई। देर से बुआई होने के कारण सिंचाई देर से शुरू हुई। चना, मसूर, मटर जो पहले बो दिए गए थे उनके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है। पहले बोई गई सरसों की फसल को बारिश से नुकसान पहुंचा है। कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि इससे उत्पादन में 20 प्रतिशत की कमी होगी। गेहूं के लिए यह बारिश वरदान साबित होगी।
बारिश के बाद क्या करें किसान
कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के वैज्ञानिक डॉ. एसके तोमर ने बताया कि यह बारिश किसानों के लिए वरदान साबित होगी। किसानों को चाहिए कि जिन खेतों में खर पतवार हैं उसे खत्म करने के लिए क्लोडिनो फाय 160 ग्राम तथा उसके साथ ऐसालिक 20 ग्राम 125 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ खेत में छिड़काव करें। छिड़काव उस समय करें जब मौसम पूरी तरह से साफ हो। छिड़काव के तीन बाद यूरिया की टाप ड्रेसिंग करें।
किसानों की मुश्किल हुई आसान
सरदारनगर ब्लॉक देवीपुर गांव निवासी प्रगतिशील किसान मृत्युंजय कुमार शाही बारिश से खुश हैं। कहते हैं कि बारिश ने अमीर गरीब सभी किसानों को एक बराबर कर दिया। किसान परेशान थे कि खेतों की सिंचाई कैसे होगी। अब उनकी चिंता दूर हो गई है। इसी ब्लॉक देवीपुर चौरी गांव निवासी लालमन यादव कहते हैं कि किसान इस बारिश से बहुत खुश है। जिसकी जितनी खेती है उसको उतना फायदा हुआ है। ऊपर वाले की मेहरबानी है कि बिना एक रुपये खर्च किए खेतों को एक पानी मिल गया।
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स्रोत: Amar Ujala

                                
                                        
                                        
                                        
                                        
 
                            