पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 15 सितंबर के बाद से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में क्रमशः लगभग 56% और 40% की कमी आई है।
केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अनुसार, 15 सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्रों में खेतों में आग लगने की संचयी संख्या 2022 में 13,964 से घटकर 2023 में 6,391 हो गई। इसमें कहा गया है कि 2021 में इसी अवधि में पराली जलाने के 11,461 मामले थे।
इस वर्ष, इस 45-दिन की अवधि के दौरान पंजाब में 5,254 पराली जलाने की घटनाएं हुईं, जबकि 2022 में 12,112 और 2021 में 9,001 घटनाएं हुईं। यह क्रमशः 56.6 और 41.6 प्रतिशत की कमी का प्रतिनिधित्व करता है।
हरियाणा में इस वर्ष 45 दिनों की अवधि के दौरान पराली जलाने के 1,094 मामले दर्ज किए गए, जो 2022 में दर्ज किए गए 1,813 मामलों और 2021 में दर्ज किए गए 2,413 मामलों की तुलना में काफी कम है। यह क्रमशः 39.7 प्रतिशत और 54.7 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।
केंद्र सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की राज्य सरकारों को लगभग 3,333 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
ये फंड व्यक्तिगत किसानों, कस्टम हायरिंग सेंटरों और सहकारी समितियों द्वारा धान के भूसे के इन-सीटू प्रबंधन के लिए मशीनों की सब्सिडी वाली खरीद के साथ-साथ एक्स-सीटू अनुप्रयोगों के लिए बेलिंग/रेकिंग मशीनों और उपकरणों का समर्थन करते हैं।

 
                                
 
                                         
                                         
                                         
                                         
 
                            
 
                                            