विदेशी सेब के पौधे बेचने वाली तीन नर्सरियों पर पाबंदी

September 20 2021

विदेशी सेब के पौधे बेचने वाली तीन नर्सरियों पर विभाग ने पाबंदी लगा दी है। उद्यान विभाग ने सेब के पौधे आयात करने के सर्टिफिकेट रद्द कर दिए हैं। ये पौधे विदेशों से एक साल तक क्वारंटीन नहीं किए थे और गलत तरीके से बागवानों को बेचे जा रहे थे। मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 में शिकायत के बाद विभाग हरकत में आया है। सोशल मीडिया पर सेब के पौधों का प्रचार करने वालों पर नकेल कसी है। हिमाचल सरकार नर्सरी एक्ट 2015 के तहत कार्रवाई की है। बागवानी विभाग के निदेशक जेपी शर्मा ने कहा कि विदेशों से आयातित सेब के पौधे बिना क्वारंटीन किए बागवानों को बेचे जा रहे थे। इससे बगीचों में वायरस आने का खतरा रहता है। अधिकारियों ने मौके पर जाकर जांच की तो पता चला की नियमों के विपरीत जाकर सेब के पौधे बेचे जा रहे थे। इसके बाद विभाग ने इन नर्सरियों पर रोक लगा दी है और उनके विदेशों से सेब के पौधे आयात करने के लिए जारी सर्टिफिकेट भी रद्द कर दिए हैं। 

कोल्ड स्टोर, पैकेजिंग और ग्रेडिंग मशीनें स्थापित कर सकेंगे बागवान 

उधर, हिमाचल प्रदेश के बागवान जल्द ही स्वयं कोल्ड स्टोर और पैकेजिंग और ग्रेडिंग मशीनें स्थापित कर सकेंगे। इस वर्ष सेब उत्पादन वाले क्षेत्रों में पेश आई परेशानियां दूर करने के लिए सरकार कोऑपरेटिव किसानी उत्पादक संगठन (एफपीओ) गठित करने की योजना बनाने में जुट गई है। किसानों-बागवानों को उनकी उपज के लिए बाजार और बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति दिलाने के लिए सहकारिता विभाग प्रदेश में सौ एफपीओ बनाने जा रहा है। केंद्र सरकार ने 6865 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान से देशभर में नई योजना शुरू की है। योजना को हिमाचल की जरूरतों के हिसाब से सहकारिता विभाग तैयार कर रहा है।

कृषि भूमि उपजाने वाले नए संगठनों का निर्माण और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने यह योजना शुरू की है। योजना में किसानों-बागवानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें समृद्ध बनाया जाएगा। इसके लिए एफपीओ बनाना होगा। केंद्र सरकार ने 10,000 नए एफपीओ बनाने की मंजूरी दी है। इसी कड़ी में प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में सौ संगठन बनाने का फैसला लिया है। हर संगठन में कम से कम 100 किसान-बागवान शामिल करना अनिवार्य रहेगा। प्रदेश में पहले से गठित करीब 40 कोऑपरेटिव सोसायटियों को एफपीओ के तौर पर तबदील करने की योजना है।  

खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण खरीदना होगा आसान 

सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि एफपीओ किसानों-बागवानों का एक समूह होगा। जो कृषि-बागवानी उत्पादन कार्य में लगा हो। यह संगठन कृषि और बागवानी से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाएगा। एक समूह बनाकर उसे कंपनी एक्ट में पंजीकृत करवा सकते हैं। संगठन के माध्यम से खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण खरीदना आसान होगा, जल्द योजना को अंतिम रूप देकर कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा।

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स्रोत: Amar Ujala