कृषि

जलवायु
-
Temperature
12-35°C -
Rainfall
1500mm -
Sowing Temperature
30-35°C -
Harvesting Temperature
25-33°C
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12-35°C -
Rainfall
1500mm -
Sowing Temperature
30-35°C -
Harvesting Temperature
25-33°C
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Sowing Temperature
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25-33°C
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12-35°C -
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1500mm -
Sowing Temperature
30-35°C -
Harvesting Temperature
25-33°C
मिट्टी
यह फसल अच्छे जल निकास वाली चिकनी, रेतली और लाल हर तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है। खेत में पानी ना खड़ा होने दें क्योंकि खड़े पानी में यह ज्यादा देर बच नहीं पाएगी। फसल की वृद्धि के लिए 6-6.5 पी एच वाली मिट्टी अच्छी मानी जाती है। उस खेत में अदरक की फसल ना उगाएं जहां पिछली बार अदरक की फसल उगाई गई हो। हर साल एक ही ज़मीन पर अदरक की फसल ना लगाएं।
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
ज़मीन की तैयारी
बिजाई
बीज
खाद
खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA | SSP | MOP |
132 | 125 | 35 |
NITROGEN | PHOSPHORUS | POTASH |
60 | 20 | 20 |
खेत की तैयारी के समय 60 क्विंटल रूड़ी की खाद प्रति एकड़ मिट्टी में डालें। नाइट्रोजन 24 किलो (52 किलो यूरिया), फासफोरस 20 किलो (125 किलो सिंगल सुपर फासफेट) और पोटाश 20 किलो (35 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश) की मात्रा प्रति एकड़ में प्रयोग करें। रूड़ी की खाद या गाय का गोबर 60 क्विंटल प्रति एकड़ में डालें। पोटाश और फासफोरस की पूरी मात्रा बिजाई के समय डालें। नाइट्रोजन की दूसरी मात्रा 20 किलो (45 किलो यूरिया) बिजाई के 45 दिनों के बाद, जबकि बिजाई के 120 दिनों के बाद नाइट्रोजन की तीसरी मात्रा 16 किलो (यूरिया 35 किलो) डालें।
सिंचाई
रोपाई के बाद पहली सिंचाई करें। इसे बारानी फसल के तौर पर उगाया जाता है इसलिए बारिश की तीव्रता और नियमितता के आधार पर सिंचाई करें। बारिश की अनुपस्थिति में, बाकी की सिंचाई 10 दिनों के अंतराल पर करें। अदरक की पूरी फसल को कुल 16-18 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है।
खरपतवार नियंत्रण
पौधे की देखभाल

- बीमारियां और रोकथाम


पत्तों पर धब्बे और सड़ना : यदि यह बीमारी दिखे तो मैनकोजेब 30 ग्राम या कार्बेनडाज़िम 10 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर 15-20 दिनों के फासले पर स्प्रे करें या प्रॉपीकोनाज़ोल 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें।

- हानिकारक कीट और रोकथाम

शाख का कीट : यदि शाख के कीट का हमला दिखे तो इसे रोकने के लिए डाइमैथोएट 2 मि.ली. प्रति लीटर या क्विनलफॉस 2.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें।

रस चूसने वाले कीड़े : इन्हें रोकने के लिए नीम से बने कीटनाशक जैसे कि अज़ादिरैक्टिन 0.3 ई सी 2 मि.ली. प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें।
फसल की कटाई
यह फसल 8 महीनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। यदि फसल का प्रयोग मसाले बनाने के लिए करना हो तो 6 महीने बाद कटाई करें और यदि नए उत्पाद बनाने के लिए प्रयोग करना हो तो फसल की कटाई 8 महीने बाद करें। जब पत्ते पीले हो जायें और पूरी तरह सूख जायें तब कटाई के लिए सही समय होता है। गांठों को उखाड़कर बाहर निकालें और 2-3 बार पानी से धोकर साफ करें। फिर 2-3 दिनों के लिए छांव में सुखाएं।