कृषि
मिट्टी
तोरिया की खेती के लिए रेतली, दोमट और हल्की मिट्टी अच्छी होती है। खारी मिट्टी में इसकी खेती ना करें।
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
ज़मीन की तैयारी
मिट्टी के भुरभुरा होने तक खेत की अच्छी तरह से जोताई करें। मिट्टी को समतल करने के लिए हल से या देसी हल से या कल्टीवेटर या हैरो से 2-3 बार जोताई करें। आखिरी जोताई के समय अच्छी तरह से गला हुआ गाय का गोबर 16 क्विंटल प्रति एकड़ में डालें।
बिजाई
बीज
खाद
खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA | SSP | MURIATE OF POTASH | |
Unirrigated | 45 | 75 | 20 |
Irrigated | 65-90 | 125 | 35 |
तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)
NITROGEN | PHOSPHORUS | POTASSIUM | |
Unirrigated | 20 | 12 | 12 |
Irrigated | 30-40 | 16 | 20 |
खरपतवार नियंत्रण
यदि नदीनों की तीव्रता ज्यादा हो तो बिजाई के 20-25 दिनों के बाद गोडाई करें। नदीनों के अंकुरण से पहले पैंडीमैथालीन 30 ई सी 1 लीटर को 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
पौधे की देखभाल

- बीमारियां और रोकथाम


- हानिकारक कीट और रोकथाम

चमकीली पीठ वाला पतंगा : इस कीट की रोकथाम के लिए क्विनलफॉस 25 ई सी 300 मि.ली. को 100 लीटर पानी से प्रति एकड़ में स्प्रे करें।

सफेद मक्खी : यदि सफेद मक्खी का हमला दिखे तो मिथाइल पैराथियॉन 5 प्रतिशत 10 किलो की प्रति एकड़ में स्प्रे करें और सिंचित क्षेत्रों में डाइमैथोएट 30 ई सी 350 मि.ली. को 100 लीटर पानी से प्रति एकड़ में स्प्रे करें।

सफेद बग : यदि इसका हमला दिखे तो एक्टारा 80 ग्राम 100 लीटर पानी से प्रति एकड़ में स्प्रे करें। जरूरत पड़ने पर यह स्प्रे 20 दिनों के अंतराल पर करें।
फसल की कटाई
कटाई अंत दिसंबर से जनवरी के पहले सप्ताह में की जाती है। पत्तों के गिरने और फलियों के पीले रंग के होने पर कटाई की जाती है। इसकी औसतन पैदावार 4-6 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।