कृषि

जलवायु
-
Temperature
20-30°C -
Rainfall
200-300mm -
Sowing Temperature
25-30°C -
Harvesting Temperature
20-25°C
-
Temperature
20-30°C -
Rainfall
200-300mm -
Sowing Temperature
25-30°C -
Harvesting Temperature
20-25°C
-
Temperature
20-30°C -
Rainfall
200-300mm -
Sowing Temperature
25-30°C -
Harvesting Temperature
20-25°C
-
Temperature
20-30°C -
Rainfall
200-300mm -
Sowing Temperature
25-30°C -
Harvesting Temperature
20-25°C
मिट्टी
आलूचा को मिट्टी की कई किस्मों में उगाया जा सकता है, जैसे कि घनी उपजाऊ, बढ़िया निकास वाली, दोमट मिट्टी जिसका pH 5.5-6.5 हो, में उगाया जा सकता है| मिट्टी में सख्त-पन, जल-जमाव और नमक की ज्यादा मात्रा नहीं होनी चाहिए|
पौधे की देखभाल
बिजाई
बीज
प्रजनन
खाद
तत्व (ग्राम प्रति वृक्ष)
NITROGEN |
PHOSPHORUS | POTASH |
30 | 15 | 36 |
खादें (ग्राम प्रति वृक्ष)
UREA |
SSP | MOP |
60 | 95 | 60 |
सिंचाई
आलूचे के पौधे की जड़े अनियमित होती है और यह जल्दी पक जाता है| इस लिए इसे विकास के समय काफी मात्रा में नमी की जरूरत होती है| सिंचाई मिट्टी की किस्म, मौसम और फल की किस्म पर निर्भर करती है| अप्रैल,मई और जून महीने में एक हफ्ते के फासले पर सिंचाई करें| फूल निकलने और फल पकने के समय अच्छी तरह से सिंचाई करें| बारिश के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है| सितंबर, अक्तूबर और नवंबर महीने में 20 दिनों के फासले पर सिंचाई करें|
खरपतवार नियंत्रण
नदीनों के अंकुरण होने से पहले ड्यूरॉन1.2 किलो या सीमाज़ाइन 1.6 किलो प्रति एकड़ की सिफारिश की जाती है और अंकुरण के बाद नदीनों की रोकथाम के लिए ग्लाइफोसेट 320 मि.ली. प्रति एकड़ डालें|
पौधे की देखभाल

- बीमारीयां और रोकथाम
.jpg)
- कीट और रोकथाम
फसल की कटाई
स्थानीय मंडी के लिए वृक्ष पर सारे फलों का पकना जरूरी होता है| पके फलों को कई सारी तुड़ाइयां करके इक्क्ठा किया जा सकता है और पूरे ध्यान से पैक किया जाता है| टोकरी में नीचे बिछाने के लिए धान की पराली या घास का प्रयोग किया जाता है। जबकि लंबी दूरी वाली मंडियों के लिए फलों की 50 प्रतिशत रंग बदलने पर तुड़ाई की जाती है।
कटाई के बाद
यह फसल जल्दी खराब हो जाती है, इसलिए इसको अच्छी तरह से पैक करके सही तापमान पर स्टोर कर देना चाहिए|