कृषि

जलवायु
-
Temperature
20-35°C -
Rainfall
100cm -
Sowing Temperature
30-34°C -
Harvesting Temperature
20-30°C
-
Temperature
20-35°C -
Rainfall
100cm -
Sowing Temperature
30-34°C -
Harvesting Temperature
20-30°C
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Temperature
20-35°C -
Rainfall
100cm -
Sowing Temperature
30-34°C -
Harvesting Temperature
20-30°C
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Temperature
20-35°C -
Rainfall
100cm -
Sowing Temperature
30-34°C -
Harvesting Temperature
20-30°C
मिट्टी
इसे विभिन्न किस्मों की मिट्टी में उगाया जा सकता है, जैसे कि बढ़िया दोमट से जैविक तत्वों वाली कम उपजाऊ पहाड़ी मिट्टी आदि| इसे बढ़िया निकास वाली काली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है, क्योंकि यह जल जमाव को काफी हद तक सहन कर सकती है| रागी के लिए pH 4.5-8 वाली मिट्टी सबसे बढ़िया मानी जाती है| जल जमाव वाली मिट्टी को इसकी खेती के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है|
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
ज़मीन की तैयारी
बिजाई
बीज
फंगसनाशी /कीटनाशी दवाई | मात्रा (प्रति किलोग्राम बीज) |
Thiram | 3 gm |
Captan | 3 gm |
Carbendazim | 3 gm |
खेत में पौध रोपण
खरपतवार नियंत्रण
फसल की शुरूआती अवस्था में अच्छी उपज के साथ अच्छी वृद्धि के लिए नदीनों की रोकथाम आवश्यक होती है। कतार में बोयी गई फसल के लिए 2-3 गोडाई की आवश्यकता होती है। नदीनों के प्रभावित नियंत्रण के लिए नदीनों के अंकुरण से पहले ऑक्सीफ्लूरोफेन 300 मि.ली. या आइसोप्रोटुरॉन 500 ग्राम की प्रति एकड़ में स्प्रे करें। नदीनों के अंकुरण के बाद 2-4-D सोडियम सॉल्ट 250 ग्राम की स्प्रे प्रति एकड़ में बिजाई के 20-25 दिनों के बाद करें।
सिंचाई
बारिश के मौसम की फसल होने के कारण रागी की फसल को सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती, पर बालियां और फूल निकलने के समय, अगर बारिश लम्बे समय तक ना हो तो पौधे के बढ़िया विकास के लिए और पैदावार के लिए सिंचाई जरूरी है| सिंचाई और निकास के लिए मेंड़ और खालियां तैयार करें| यह फसल जल जमावों वाले हालातों में खड़ी नहीं रह सकती इसलिए अतिरिक्त पानी को पूरी तरह से निकालने का उचित प्रबंध होना चाहिए।
खाद
खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA | SSP | MOP |
35 | 50 | # |
तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)
NITROGEN |
PHOSPHORUS | POTASH |
16 | 8 | # |
बिजाई से एक महीना पहले 4 टन रूड़ी की खाद डालें| रागी की फसल खादों, खास रूप से नाइट्रोजन और फासफोरस के साथ उत्तेजित होती है| मिट्टी में आवश्यक खादों की कमी को जानने के लिए मिट्टी की जांच करें| अगर मिट्टी की जांच उपलब्ध ना हो तो, बारानी फसल के लिए N: P: K 16:8:0 किलो प्रति एकड़ में डालें| फासफोरस की पूरी मात्रा और नाइट्रोजन की आधी मात्रा बिजाई के समय डालें| बाकी की बची हुई नाइट्रोजन की मात्रा दो हिस्सों में (बिजाई से 30 और 50 दिन बाद) मिट्टी की नमी के अनुसार डालें|
पौधे की देखभाल

- कीट और रोकथाम






- बीमारियां और रोकथाम

फसल की कटाई
आमतौर पर फसल 120-135 दिनों में पक जाती है, पर इसका समय प्रयोग की जाने वाली किस्म पर निर्भर करता है| कटाई दो बार की जानी चाहिए, बालियों को दराती के साथ काट लें और पौधे के बाकी हिस्से को ज़मीन के साथ में से काट लें| बालियों का ढेर बनाकर धुप में 3-4 दिनों के लिए सुखाएं| अच्छी तरह सुखाने के बाद थ्रेशिंग करें| कुछ जगह पर पूरा पौधा बालियों समेत काट लिया जाता है और फिर धूप में 2-3 दिन सुखाने के बाद थ्रेशिंग कर ली जाती है|
कटाई के बाद
रागी का प्रयोग शराब के कच्चे माल, बच्चो के भोजन, दूध गहरा बनाने के लिए और दूध वाली बिवरेज़ बनाने के रूप में प्रयोग किया जाता है| देश के कुछ हिस्सों में उबालु ड्रिंक या बियर भी इसी से तैयार की जाती है|