कृषि

जलवायु
-
Temperature
15-28°C -
Rainfall
75-100mm -
Sowing Temperature
22-28°C -
Harvesting Temperature
15-25°C
-
Temperature
15-28°C -
Rainfall
75-100mm -
Sowing Temperature
22-28°C -
Harvesting Temperature
15-25°C
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15-28°C -
Rainfall
75-100mm -
Sowing Temperature
22-28°C -
Harvesting Temperature
15-25°C
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15-28°C -
Rainfall
75-100mm -
Sowing Temperature
22-28°C -
Harvesting Temperature
15-25°C
मिट्टी
इसे सभी प्रकार की मिट्टी जिसमें जैविक तत्व उच्च मात्रा में होते हैं, में उगाया जा सकता है। लेकिन अच्छे जल निकास वाली दोमट या रेतली दोमट मिट्टी में उगाने पर यह अच्छे परिणाम देती है। इसके अच्छे विकास के लिए मिट्टी की पी एच 6 से 8 होनी चाहिए। धनिये की खेती के लिए खारी और लवण वाली मिट्टी ठीक नहीं होती।
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
ज़मीन की तैयारी
सब से पहले ज़मीन की दो तीन बार हल से अच्छी तरह जोताई करें। इसके बाद सुहागे की मदद से ज़मीन को समतल कर देना चाहिए। आखिरी जोताई से पहले ज़मीन में 40 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से रूड़ी की खाद मिलानी चाहिए।
बिजाई
बीज
खाद
खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA | SSP |
MOP |
55 | 125 | On soil test results |
तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)
NITROGEN | PHOSPHORUS |
POTASH |
25 | 20 | - |
खरपतवार नियंत्रण
धनिये की शुरूआती अवस्था में नदीन गंभीर समस्या होते हैं। खेत को नदीन मुक्त करने के लिए एक या दो गोडाई करें। बिजाई के 4 सप्ताह बाद पहली गोडाई करें और बिजाई के 5-6 सप्ताह बाद दूसरी गोडाई करें।
सिंचाई
मिट्टी की बनतर, बारिश और जलवायु के आधार पर चार से पांच सिंचाई फसल की अच्छी वृद्धि के लिए सहायक होती है। बिजाई के 30 दिन बाद पहली सिंचाई करें। बाकी की सिंचाइयां 60-70 वें दिन, 80-90वें दिन, 100-105वें दिन और 110-150वें दिन करें। फूल निकलने और बीजों की विकसित अवस्था में नमी की कमी ना होने दें।
पौधे की देखभाल

- हानिकारक कीड़े और रोकथाम

- बीमारियां और रोकथाम

दानों का गलना: बीजों को लगने वाली फफूंदी से बचाने के लिए बिजाई के 20 दिनों बाद 200 ग्राम कार्बेनडाज़िम की प्रति एकड़ में स्प्रे करें।

फसल की कटाई
फसल का कद 20 से 25 सैं.मी. होने पर हरे पत्तों को काटना शुरू कर देना चाहिए। एक फसल को तीन से चार बार काटा जा सकता है। बीज की पैदावार के लिए बीजी गई फसल अप्रैल महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। फसल के फल हरे रंग में ही काट लेने चाहिए क्योंकि ज्यादा पकने की सूरत में इसका पूरा मूल्य नहीं मिल पाता।
कटाई के बाद
कटाई के बाद 6-7 दिनों के लिए फसल को धूप में सूखने के लिए छोड़ देना चाहिए। पूरी तरह सूखने के बाद फसल की गहाई करके बीजों को साफ करके अलग कर लेना चाहिए।