कृषि

जलवायु
-
Temperature
18-38°C -
Rainfall
30-60 cm -
Sowing temperature
25-38°C -
Harvesting temperature
18-25°C
-
Temperature
18-38°C -
Rainfall
30-60 cm -
Sowing temperature
25-38°C -
Harvesting temperature
18-25°C
-
Temperature
18-38°C -
Rainfall
30-60 cm -
Sowing temperature
25-38°C -
Harvesting temperature
18-25°C
-
Temperature
18-38°C -
Rainfall
30-60 cm -
Sowing temperature
25-38°C -
Harvesting temperature
18-25°C
मिट्टी
अच्छे जल निकास वाली उपजाऊ दोमट मिट्टी में उगाने पर यह अच्छे परिणाम देती है। मिट्टी की पी एच 6 से 7.5 सोयाबीन की अच्छी उपज के लिए अनूकूल होती है। जल जमाव, खारी और क्षारीय मिट्टी सोयाबीन की खेती के लिए अनुकूल नहीं होती। कम तापमान भी इस फसल को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
ज़मीन की तैयारी
रबी की मौसम की कटाई के बाद या अप्रैल महीने में गहरी जोताई करें। इसकी मदद से कीटों के अंडे नष्ट हो जाएंगे। जोताई के बाद तीन-चार बार सुहागा फेरें और मिट्टी को समतल करें ताकि खेत में पानी ना खड़ा हो सके।
बिजाई
बीज
खाद
खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA | SSP | MOP |
20 | 200 | 30 |
तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)
NITROGEN | PHOSPHORUS | POTASH |
8 | 32 | 16 |
खरपतवार नियंत्रण
सिंचाई
बारानी फसल होने के कारण इसे सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती। बारिश की स्थिति के आधार पर सिंचाई का उपयोग करें। फली बनने के समय सिंचाई आवश्यक है। इस समय पानी की कमी उपज को काफी प्रभावित करती है।
पौधे की देखभाल

- हानिकारक कीट और रोकथाम

तंबाकू सुंडी : यदि इस कीट का हमला दिखे तो एसीफेट 57 एस पी 800 ग्राम या क्लोरपाइरीफॉस 20 ई सी को 1.5 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें। यदि जरूरत पड़े तो पहली स्प्रे के 10 दिनों के बाद दूसरी स्प्रे करें।

बालों वाली सुंडी : बालों वाली सुंडी का हमला कम होने पर इसे हाथों से उठाकर या केरोसीन में डालकर खत्म कर दें । इसका हमला ज्यादा हो तो क्विनलफॉस 500 मि.ली. या डाइक्लोरवास 200 मि.ली की प्रति एकड़ में स्प्रे करें।


- बीमारियां और रोकथाम


सरकोस्पोरा पत्तों के धब्बा रोग : इससे बचाव के लिए कार्बेनडाज़िम 50 डब्लयु पी या थायोफानेट मिथाइल 70 डब्लयु पी 500 ग्राम को 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
फसल की कटाई
जब फलियां सूख जाएं और पत्तों का रंग बदल कर पीला हो जाए और पत्ते गिर जाएं, तब फसल कटाई के लिए तैयार होती है। कटाई हाथों से या दराती से करें। कटाई के बाद, पौधों में से बीजों को निकाल लें।
कटाई के बाद
सुखाने के बाद, बीजों को अच्छी तरह साफ करें। छोटे आकार के बीजों, प्रभावित बीजों और डंठलों को निकाल दें।