उत्तम खेती वाली कहावत मध्य प्रदेश में चरितार्थ होती दिख रही है। खेती में हमेशा नुकसान में रहने वाली बातों से इतर मौजूदा पीढ़ी इस पर व्यावसायिक तरीके से काम कर रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी इस पीढ़ी ने निर्भरता खत्म करते हुए खुले बाजार का रुख कर लिया है। उधर, शिक्षित पीढ़ी अब आधुनिक संसाधनों के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है। प्रदेश में एमएसपी पर दलहनों की बिक्री अत्यंत कम होना इस बात का प्रमाण है कि युवा पीढ़ी अपनी उपज के लिए अधिकतम मूल्य के अवसर तलाशना जान गई है। 40 से 50 वर्ष के बीच के किसानों ने अनुभवों को वैज्ञानिकता की कसौटी पर परखा और पैदावार बढ़ाई। अब अपनी उपज को कहां और किस रूप में बेचना है, इस पर काम करते हुए तगड़ा लाभ कमा रहे हैं। हालात यह हैं कि किसान अपनी उपज की मार्केटिंग करना सीख गए हैं और वे खेती को लेकर व्यापारिक दृष्टिकोण रखते हैं। भले ही ऐसी स्थिति सभी किसानों की नहीं हो, लेकिन कई किसानों ने बदलाव की जो इबारत लिखी है, उससे साबित होता है कि किसान अब उपज के लिए बाजार तलाशने में आत्मनिर्भर होने की राह पर अग्रसर हैं।
किराये की जमीन पर खेती
खरगोन के अश्विनी दांगी पढ़ाई के दौरान ही खेती में सहयोग करने लगे थे। आज वे क्षेत्र के उन्नत कृषक हैं। भरपूर उत्पादन के साथ गेहूं की बिक्री के लिए कंपनियों से करार किया। अब उनके खेत से ही सारा गेहूं बाजार भाव पर बिक जाता है। मांग पूरी करने के लिए वे 40 एकड़ जमीन किराये पर लेकर खेती कर रहे हैं।
जैविक व चंदन की खेती: सोनतलाई के मनोज पटेल भी उन्नत कृषक हैं। जैविक खेती में पहचान बनाई। अब बाजार की मांग को देखते हुए चंदन के पेड़ लगा रहे हैं। उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि अगले वर्ष किस फसल की मांग अधिक होगी। यदि किसान यह अनुमान लगाने में सफल रहता है तो उसे होने वाला लाभ निश्चित है।
गेहूं नहीं आटा बेच रहे
हरदा के किसान मोहनीश बादर ने उपज को सीधे बेचने के बजाय उसके उत्पाद बेचने का फैसला किया और आज वे मांग ही पूरी नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने गेहूं और दलहन की उपज बेचने की जगह मल्टीग्रेन आटा बेचना शुरू किया। वैज्ञानिक आधार पर शुगर फ्री आटा तैयार किया और पहले की तुलना में कई गुना मुनाफा कमाया।
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स्रोत: Nai Dunia

 
                                
 
                                         
                                         
                                         
                                         
 
                            
 
                                            