छत्तीसगढ़ में उत्पादित फसलों की उत्पादन लागत का निर्धारण अब प्रदेश में ही हो सकेगा। भारत सरकार ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग का क्षेत्रीय केंद्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की है। यह केंद्र आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 से कार्य करना प्रारंभ कर देगा। विभिन्ना फसलों की उत्पादन लागत निकालने के लिए देश भर में 16 केंद्र स्थापित किए गए हैं। रायपुर में 17वां केंद्र स्थापित होगा। इस केंद्र के संचालन के लिए केंद्र ने 25 पद स्वीकृत किए हैं। इंदिरा गांधी कृषि विवि गत चार वर्षों से इस केंद्र की स्वीकृति के लिए प्रयासरत था, जिसमें उसे सफलता मिली है। केंद्र ने झारखंड और तेलंगाना में भी नवीन केंद्र की स्थापना की मंजूरी दी है।
आयोग की अनुशंसा पर घोषित किया जाता है समर्थन मूल्य
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की अनुशंसा पर केंद्र सरकार प्रतिवर्ष अनाज, दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है। केंद्र सरकार कुल 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है। अब तक जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर स्थित केंद्र से छत्तीसगढ़ की फसल उत्पादन लागत का निर्धारण किया जाता रहा है।
केंद्र सरकार देगी संचालन राशि
केंद्र के संचालन के लिए पूरी राशि भारत सरकार प्रदान करेगी। इंदिरा गांधी कृषि विवि रायपुर ने परियोजना संचालित करने पर सहमति एवं आवश्यक बजट का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया है। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्र से 10.75 करोड़ रुपये की मांग की गई है। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ, रागी, सोयाबीन, अरहर, चना, उड़द, मूंग, मसूर, मूंगफली, तिल, रामतिल, सरसों, तोरिया, सूरजमुखी, कुसुम, गन्नाा, कपास, जूट आदि की खरीदी की जाती है।
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स्रोत: Nai Dunia

                                
                                        
                                        
                                        
                                        
 
                            