उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कृषि को ज्यादा से ज्यादा टिकाऊ, लाभदायक और फलदायी बनाने के लिए कृषि व्यवसाय, मूल्यवर्धन और विविधिकरण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है। वह महाराष्ट्र के पुणे में गतदिनों कृषि व्यवसाय प्रबंधन पर केंद्रित प्रमुख सहकारी प्रबंधन-संस्थान वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान पुणे के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने तीन छात्रों को पदक प्रदान किये तथा 51 छात्रों को स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रदान किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सहकारी समितियां छोटे और मझौले किसानों को कृषि साज सामग्री, फसल कटाई, भंडारण सुविधाओं, वितरण के चैनलों और बाजार सूचना प्रणाली के नेटवर्क के रूप में सहायता दे सकती हैं।
श्री नायडू ने बिचौलियों और मध्यवर्ती संस्थाओं को हटाकर हमारे कृषि बाजारों को नया रूप देने की जरूरत पर बल दिया, ताकि किसानों को उपभोक्ताओं के साथ सीधे संवाद कायम करने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम एक ऐसी ही पहल है जो किसानों की काफी मदद कर सकती है।
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि किसानों को फसलों की विविधता और संबंधित कृषि गतिविधियों के बारे में शिक्षित किये जाने की तथा बागवानी और अनाजों तथा दालों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: कृषि जगत

                                
                                        
                                        
                                        
                                        
 
                            