कृषि मंत्री ने पंजाब राज्य किसान एवं कृषि कामगार आयोग की ओर से आयोजित किसान गोष्ठी में पंजाब का कृषि विकास मॉडल- कुछ नीतिगत मुद्दे विषय पर यह कहा कि कृषि में उर्वरकों, रसायनों, खरपतवार नाशकों और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उसकी जलवायु के अनुसार काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि खेती केवल कृषि गतिविधियों तक ही सीमित नहीं है, यह जीवन से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने सहकारी व्यवस्था को आबाद करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आवश्यकता के अनुसार ही खेती की जानी चाहिए। कृषि मंत्री ने कृषि में असुरक्षा को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि राज्य सरकार कृषि को बचाने की दिशा में सभी के सहयोग से आगे बढ़ेगी उन्होंने पंजाब की फसल, पानी और मिट्टी और पर्यावरण को केंद्र में रखते हुए विभिन्न सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार कृषि विशेषज्ञों, कृषिविदों और अनुभवी लोगों की मदद से कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.

                                
                                        
                                        
                                        
                                        
 
                            