By: News 18, July 20
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों की बजाए बीमा कंपनियों को फायदा होने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि इसमें फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को पर्याप्त हर्जाना सुनिश्चित करने की विशिष्टताएं होने के साथ संगत फसल जोखिम प्रबंधन तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा बीमा कंपनियों की निरंतर निगरानी की व्यवस्था है.
सिंह ने कहा कि किसानों की आत्महत्या चिंता का विषय है और सरकार इसे गंभीरता से लेती है. इस गंभीर विषय के समाधान के लिये किसानों की आमदनी बढ़ाने की पहल की जा रही है. इसमें पशुपालन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन, मतस्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. आजादी के बाद पहली बार कृषि, किसान, गांव के लिये सबसे अधिक बजट प्रदान किया गया है.
निश्चित तौर पर 2022 तक किसानों की आय को दोगुना किया जायेगा. कृषि क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं पर लोकसभा में नियम 193 के तहत चर्चा का जवाब देते हुए राधा मोहन सिंह ने कहा किसान समग्र जोखिम कवरेज के लिये नाम मात्र प्रीमियम चुका रहे हैं. यह कहना सही नहीं है कि इससे केवल निजी बीमा कंपनियां लाभान्वित हो रही हैं. मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि पीएमएफबीवाई को बीमांकित आधार पर कार्यान्वित किया जा रहा है और बीमा कंपनियों का चयन राज्य एवं संघ राज्य सरकार द्वारा एक पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाना है.
585 मंडियों को ई-नाम योजना से जोड़ा गया
उन्होंने कहा कि किन राज्यों में किन फसलों या उत्पादों का बीमा होना है, यह राज्य सरकार को तय करना है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित बीमा योजना के तहत सभी उत्पादों का बीमा किया जा सकता है. कई राज्यों ने आगे बढ़कर पहल की है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि बीमा कंपनियां किसानों को समग्र जोखिम कवरेज प्रदान करती हैं लेकिन दावों को केवल जोखिम या आपदा होने पर और राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये गए गए उपज आंकड़ों के आधार पर गणना करके भुगतान किया जाता है.
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बीमा कंपनियों की निरंतर निगरानी की जा रही है ताकि किसानों को अधिकतम कवरेज सुनिश्चित किया जा सके और दावों का समय पर निपटारा किया जा सके. कृषि मंत्री ने कहा कि मार्च 2018 तक देश की 585 मंडियों को ई-नाम योजना से जोड़ दिया जायेगा. स्वामीनाथन समिति ने 80 वर्ग किलोमीटर के दायरे में एक मंडी की सिफारिश की है .
ाधा मोहन सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने किसानों के कल्याण और कृषि विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो या प्रधानमंत्री सिंचाई योजना इन योजनाओं के क्रियान्वयन से किसान और कृषि का विकास होगा.
उन्होंने कहा कि पहली बार देश में ऐसी सरकार आई है जिसने किसानों की सही अर्थों में चिंता की है. किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करने का काम किया है. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.
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