This content is currently available only in Hindi language.
केंद्र सरकार की ओर से 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया था. इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली राजग सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश के निम्न-मध्यम वर्ग को अन्य वर्गों की अपेक्षा ज्यादा सौगात देकर देश की तकरीबन 70 फीसद आबादी को साधने की कोशिश की थी तो वहीं उस अंतरिम बजट को विपक्षी दलों ने भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र करार दिया था, हालांकि सत्ताधारी दल के नेताओं ने किसानों के लिए एक ऐतिहासिक पहल बताया था . अब उसी कड़ी में आंध्र प्रदेश सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक बड़ा सियासी पासा फेंका है.
बता दे, कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई. उसमें अन्नदाता सुखीभव योजना को मंजूरी दी गई. इसके तहत राज्य सरकार केंद्र की योजना में 4000 रुपये जोड़कर किसानों को देने का निर्णय लिया गया. वहीं, ऐसे राज्य के ऐसे किसान जिनके पास 5 एकड़ से ज्यादा जमीन है और जो केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत नहीं आते, उन्हें सालाना राज्य सरकार की ओर से 10,000 रुपये देने का निर्णय लिया गया. गौरतलब है कि इसमें बटाईधार किसानों को भी फायदा होगा. राज्य के कृषि मंत्री एक चंद्रमोहन रेड्डी के मुताबिक, इस योजना से 54 लाख किसानों को सीधा लाभ होगा. रेड्डी के मुताबिक, राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते अपने अंतरिम बजट में 5,000 करोड़ इस योजना के लिए आवंटित किए हैं. यह पैसे किसानों के बैंक अकाउंट में फरवरी के अंत तक जमा हो जाएंगे. इसमें केंद्र सरकार के 2000 रुपये भी मिले होंगे.
क्या है पीएम किसान सम्मान निधि योजना ?
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के छोटे किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक जमीन है, उन किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपये दिए जाएंगे. यह राशि 3 किश्त में किसानों के बैंक खातें में सीधे मुहैया कराई जाएगी। हालांकि ऐसे किसान जिनके नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना 6 हजार नकद मिलेगे. इस तारीख के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले 5 साल तक इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा.
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|
स्रोत: Krishi Jagran