पशुओं में लंपी महामारी का प्रकोप बढ़ते ही जा रहा है. लंपी वायरस देश के अधिकतर हिस्सों के पशुओं के बीच अपने पैर पसार चुका है। जिसके लिए राज्य व केंद्र सरकार मिलकर कई कड़े कदम भी उठा रही हैं। कई राज्यों में लंपी वायरस के खिलाफ टीका करण का कार्य तेजी के साथ चल रहा। लेकिन कई पशुपालक पहले ही अपने पशु खो बैठे हैं।
6 लाख से अधिक पशुपालकों को लंपी वायरस का टीका मिला
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की मानें तो पहले से ही पशु हानि के लिए 2 करोड़ रुपए का फंड जारी किया जा चुका है। अब पशुओं के टीकाकरण के लिए अतिरिक्त 8 करोड़ रुपए तथा जारी किए जाएंगे, जबकि 5 करोड़ रुपए पशुओं के इलाज के लिए जारी किए जाएंगे। इसी के साथ राज्य के 6.57 लाख पशुपालकों को अपने पशुओं के लिए पहले ही लंपी वायरस का टीका दिया जा चुका है।
लंपी वायरस के ग्रसित गाय के दूध के सेवन से लोग नहीं होते बीमार
लंपी वायरस के बाद से लोगों के बीच यह भय बैठ गया कि, वायरस के ग्रसित गाय के दूध के सेवन से क्या इसका असर इंसानों पर भी पड़ेगा। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि बीमार गायों के दूध के सेवन से आम लोग इस रोग की चपेट में नहीं आते हैं और इसके लिए लोगों को जागरूक करना भी जरूरी है।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: krishijagran

                                
                                        
                                        
                                        
                                        
 
                            