देश में अभी रबी फसलों ख़ासकर गेहूं, चना एवं सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी का काम ज़ोरों पर चल रहा है। यह खरीदी केवल राज्य सरकारों द्वारा पंजीकृत किसानों से ही की जा रही है परंतु ऐसे भी कई किसान है जो अपनी फसलों को MSP पर बेचने के लिए पंजीकरण नहीं करवा पाए हैं। ऐसे किसानों के लिए राजस्थान सरकार ने दोबारा से पोर्टल खोल दिया है। इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा सरसों एवं चना का घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP क्रमशः 5450 रुपए एवं 5335 रुपए प्रति क्विंटल है। राजस्थान सरकार ने राज्य में राज्य में दलहन-तिलहन की खरीद के लिए कृषक पंजीयन की सीमा को 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इस निर्णय से चने के लिए राज्य के 21 जिलों के 116 केन्द्रों पर 23,966 किसान एवं सरसों के लिए 9 जिलों के 25 केन्द्रों पर 54732 किसान कुल 78698 किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
अभी तक कितने किसानों ने कराया है चना एवं सरसों MSP पर बेचने के लिए पंजीयन
राज्य में 20 मार्च से पंजीयन प्रारंभ किये गये है और अब तक 1 लाख 41 हजार 104 किसानों ने पंजीयन कराया है। जिसमें 61 हजार 170 सरसों तथा 79 हजार 934 चना के लिए है। 60868 किसानों को उपज बेचने की तिथि आवंटित कर दी गई है। भारत सरकार से प्राप्त लक्ष्यों के क्रम में सरसों के लिए लगभग 6 लाख एवं चना के लिए लगभग 2 लाख 63 हजार किसानों का पंजीयन किया जा सकता है। सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा सरसों खरीद हेतु 15.19 लाख मीट्रिक टन एवं चना खरीद हेतु 6.65 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य स्वीकृत किये गये है। राज्य में 24 अप्रैल तक 17 हजार 258 किसानों से 36993 मीट्रिक टन चना एवं सरसों की खरीद की गई है। जिसकी राशि 204 करोड़ रूपये है। 5415 किसानों को 63 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष के भुगतान प्रक्रिया जारी है।
किसान कहाँ करें MSP पर चना एवं सरसों बेचने के लिए पंजीयन
प्रबन्ध निदेशक राजफैड श्रीमती उर्मिला राजोरिया ने बताया कि किसान क्रय केन्द्र/ई-मित्र के माध्यम से आवश्यक दस्तावेजों सहित (गिरदावरी, बैंक पासबुक, जन-आधार कार्ड) पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन के बाद उन्हें जिन्स तुलाई हेतु प्राथमिकता पर दिनांक आवंटित की जाएगी। उन्होंने बताया कि किसान फसल को सुखाकर अनुज्ञय मात्रा की नमी का साफ-सुथरा कर एफ.ए.क्यू. मापदण्डों के अनुरूप चना-सरसों तुलाई हेतु क्रय केन्द्रों पर लाये। किसानों की समस्या समाधान के लिये किसान हेल्पलाइन नम्बर 18001806001 भी स्थापित किया हुआ है जहां किसान सम्पर्क कर अपनी समस्या का निराकरण प्राप्त कर सकते है।

                                
                                        
                                        
                                        
                                        
 
                            