हल्दी की खेती से किसानों की जेब होगी ‘हेल्दी’

January 07 2020

देश में गन्ने की खेती के लिए मशहूर पश्चिमी यूपी में किसान अब औषधीय फसल हल्दी की खेती पर हाथ अजमा रहे हैं। पहली बार जिले में बड़े पैमाने पर हल्दी की फसल उगाई गई है। हल्दी की फसल मुनाफे का सौदा साबित हुई तो इसका रकबा बढ़ना तय है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान और खेत दोनों के लिए हल्दी की खेती संजीवनी साबित हो सकती है।

दरअसल, औषधीय गुुणों वाली हल्दी को लोग दैनिक जीवन में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं। मुकंदपुर गांव के किसान बिजेंद्र, लोकेंद्र और कूड़ी गांव के किसान संदीप ने बताया कि हल्दी की खेती की शुरूआत की है। लाभ मिलने का अनुमान है। सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष इस फसल का क्षेत्रफल बढ़ाएंगे। प्रगतिशील किसान धर्मेंद्र कुमार बताया कि हल्दी गुणकारी होती है। चोट, मोच, कटने और जलने पर औषधि के रूप में इसका लोग इस्तेमाल करते हैं। सब्जी कोई भी हो उसमें इसका इस्तेमाल होता है। इसको देखते हुए हल्दी की खेती करने की योजना की थी। क्षेत्र के किसानों को भी इससे जोड़ा गया है। डौला, शेरपुर, लुहारा सहित अन्य गांवों में किसान इसकी खेती कर रहे है।

एडीओ कृषि महेश कुमार खोखर ने बताया कि सहफसली खेती के तहत किसान हल्दी की खेती को अपना सकते हैं। शुरूआत अच्छी हुई है। फसल तैयार होने पर मुनाफा मिलेगा। वर्तमान में 100 बीघा से ज्यादा में हल्दी की बुआई किसानों ने की है।

एंटीबायोटिक है हल्दी, निकाला जाएगा तेल

किसान धर्मेंद्र ने बताया कि जिस प्रकार से बासौली गांव में लेमन ग्रास का तेल निकाला जाता है, उसी प्रकार अब हल्दी से भी तेल निकालने का काम किया जाएगा। क्योंकि बाजार में इसकी मांग है।

मई-जून माह में होती हल्दी की बुवाई

एडीओ कृषि महेश कुमार खोखर ने बताया कि हल्दी की फसल को बरसात के सीजन से पहली मई-जून माह में इसकी बुवाई करते है। छह माह में फसल तैयार हो जाती है। जिसको बाजार में बेचने पर अच्छा मुनाफा किसान कमा सकते है। गन्ने के साथ सहफसली खेती कर आय में दोगुनी कर सकते है।


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स्रोत: अमर उजाला