देश में गन्ने की खेती के लिए मशहूर पश्चिमी यूपी में किसान अब औषधीय फसल हल्दी की खेती पर हाथ अजमा रहे हैं। पहली बार जिले में बड़े पैमाने पर हल्दी की फसल उगाई गई है। हल्दी की फसल मुनाफे का सौदा साबित हुई तो इसका रकबा बढ़ना तय है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान और खेत दोनों के लिए हल्दी की खेती संजीवनी साबित हो सकती है।
एडीओ कृषि महेश कुमार खोखर ने बताया कि सहफसली खेती के तहत किसान हल्दी की खेती को अपना सकते हैं। शुरूआत अच्छी हुई है। फसल तैयार होने पर मुनाफा मिलेगा। वर्तमान में 100 बीघा से ज्यादा में हल्दी की बुआई किसानों ने की है।
एंटीबायोटिक है हल्दी, निकाला जाएगा तेल
किसान धर्मेंद्र ने बताया कि जिस प्रकार से बासौली गांव में लेमन ग्रास का तेल निकाला जाता है, उसी प्रकार अब हल्दी से भी तेल निकालने का काम किया जाएगा। क्योंकि बाजार में इसकी मांग है।
मई-जून माह में होती हल्दी की बुवाई
एडीओ कृषि महेश कुमार खोखर ने बताया कि हल्दी की फसल को बरसात के सीजन से पहली मई-जून माह में इसकी बुवाई करते है। छह माह में फसल तैयार हो जाती है। जिसको बाजार में बेचने पर अच्छा मुनाफा किसान कमा सकते है। गन्ने के साथ सहफसली खेती कर आय में दोगुनी कर सकते है।
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स्रोत: अमर उजाला