हरियाणा में 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद जारी है. पिछले नौ दिन में 3,60,817 किसानों से 31.94 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद (wheat procurement) की गई है. यह खरीद 1925 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हो रही है. हरियाणा सरकार इस साल 75 लाख टन गेहूं खरीदने वाली है. 30 जून तक परचेजिंग जारी रह सकती है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि अब तक 1,19,575 किसानों से कुल 3.25 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है.
दलाल ने कहा कि संकट के समय किसानों की उपज खरीदने में सोशल डिस्टेंसिंग एक बड़ा चैलेंज था जिसका पूर्ण रूप से पालन हो, इसके लिए हमने कई मंडियां स्थापित की हैं. मंडियों में मास्क (Mask), सेनेटाइर, बारदाना, तिरपाल, पंखा, झरना आदि की व्यवस्था की गई है. पिछले साल के मुकाबले हमने इस साल एक दिन में साढ़े चार लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है. किसानों को बेमौसम बारिश की वजह से या किसी भी और अव्यवस्था के कारण कोई परेशानी नहीं होने देंगे.
कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सबसे पहले बाजरा और सरसों की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP-Minimum Support Price) पर खरीदा है. फसल बीमा के माध्यम से किसानों के नुकसान के लिए सबसे ज्यादा मुआवजा दिया है.
भुगतान के लिए 22 हजार करोड़ रुपये रिजर्व
सरकार ने आढ़तियों को उनके पुराने बैंक खातों से खरीद का भुगतान करने की अनुमति दी है. लगभग 22 हजार करोड़ रुपये गेहूं की खरीद के भुगतान के लिए और आढ़तियों को भी उनकी 2.5 प्रतिशत आढ़त का पैसा साथ-साथ मिलता रहे इसके लिए सरकार ने 275 करोड़ रुपये रिजर्व रखे हैं. जैसे ही मंडियों से गेहूं का उठान होगा किसान व आढ़ती दोनों का भुगतान हो जाएगा.
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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी