सूक्ष्म शैवाल आधारित जैव उर्वरक से बढ़ेगी उपज, कृषि आधारित उद्योगों में भी लाभदायी

May 20 2019

जैविक खेती में एक नई पहल की जा रही है। जिसके तहत सूक्ष्म शैवाल आधारित जैव उर्वरकों का उपयोग खेती में किया जाएगा। इससे जहां मत्स्य पालन, खाद्यान्न फसल व पोल्ट्री व्यवसाय की दिशा में बेहतर कार्य किया जाएगा। इस तरह की कृषि आधारित पद्धति से जहां रासायनिक खेती के बुरे परिणामों को दूर किया जाएगा वहीं पशुओं के लिए आवश्यक पोषण उपलब्ध करवाया जा सकेगा।

यही नहीं फसल उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होगी। स्पेन की एल्गा एनर्जी और घरेलू कंपनी रसायन समूह के साथ कृषि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों के वैज्ञानिक जैविक खेती से उन्नत परिणाम पाने के प्रयास में लगी है। इस कार्य में ये महत्वपूर्ण शोध कार्य करने में लगे हैं। एल्गा एनर्जी द्वारा निरंतर खोज की जा रही है।

जैविक खेती के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों को अनुकूल बताया जा रहा है। सूक्ष्म शैवाल आधारित प्रयोग को लेकर कृषि रसायन के कार्यकारी निदेशक राजेश अग्रवाल का कहना है कि इसके उपयोग से जहां मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी, वहीं उत्पादकता में 10 से 22 फीसद तक वृद्धि हो सकती है। इस तरह की खेती के लिए उन किसानों को शाामिल किया गया है जो कि 10 एकड़ तक की जोत वाले हैं लेकिन अगले चरणों में दूसरे किसानों को भी शामिल किया जाएगा। 

 

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स्रोत: नई दुनिया