सब्जियों को 7 दिन सुरक्षित रखेगा ये देशी फ्रीजर, किसानों की ऐसे बढ़ेगी कमाई

February 25 2020

शहरों की तर्ज पर अब गांव में रह रहे किसान भी हरी सब्जियां, फल, फूल को लंबे समय तक देशी फ्रीज से सुरक्षित रखे सकेंगे। वह भी किसी इलेक्ट्रॉनिक तकनीक को अपनाए बिना, क्योंकि उद्यान विभाग ने पहली बार फ्रीज के तर्ज पर किसानों के लिए देशी कोल्ड स्टोर की तकनीक ईजाद किया है। जिसे मूल रूप से जीरो एनर्जी कूल चेम्बर कहा जाता है, जो कि सामान्य तौर पर खेत से तोड़ने के बाद हरी सब्जियों के साथ फल, फूल को 14 दिन तक सुरक्षित रख सकेंगे। तकनीक को विकसित किया है रायपुर शासकीय उद्यानिकी प्रभारी डॉ. मनोज अम्बष्ट ने। उन्होंने बताया कि गांव में किसानों के लिए यह तकनीक बहुत मददगार साबित होगी।

आमतौर पर टमाटर का जीवन अवधि सात दिन होती है, इस तकनीक में इसे 14 दिन तक सुरक्षित कर सकेंगे। इस दौरान टमाटर का वजन 4.4 फीसद ही कम होगा। बाकी में 18.6 फीसद घट जाती है। वहीं किसानों को इसे तैयार करने के लिए अधिक स्र्पये भी खर्च नहीं करना होगा। महज 500 स्र्पये खर्च कर कोई भी किसान स्वयं के लिए इस मिट्टी कूल चेम्बर को तैयार कर सकता है।

एक साथ रख सकते हैं पांच फसल

कृषि मेले में पहुंचे किसान बाकी स्टॉल को छोड़कर इस तकनीक के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी ले रहे हैं। इस तकनीक में एक साथ पांच तरह के फसलों को रख सकते हैं। इसमें किसी भी प्रकार की बिजली का खर्च नहीं करना होगा।

आइसीएआर से मिली है सहमति

जीरो एनर्जी कूल चेम्बर तकनीक को लेकर डॉ. अंब्स्ट ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा पूसा शून्य ऊर्जा शीतल कक्ष (जीरो एनर्जी कूल चेम्बर) निर्माण विधि का विकास किया गया है। जोकि छत्तीसगढ़ में नया जरूर है, लेकिन राजस्थान, पंजाब, हरियाणा राज्यों में किसान इस तकनीक को अपना चुके हैं।

इसी तरह से प्रदेश में जहां ग्रीष्मकाल के दौरान दिन का तापमान लगभग 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, एवं वातावरण में सापेक्ष आद्रता भी बहुत कम होती हैं। सामान्यता जीरो उर्जा शीतलक कक्ष का तापमान गर्मियों में बाहरी वातावरण से कम से कम 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तक कम रहता है।

ऐसे बना सकते हैं फल-सब्जी के लिए देशी फ्रिज

आवश्यक निर्माण सामग्री:-

  • ईटें, रेत, बांस, सीमेंट, ऊपरी ढक्कन बांस के फ्रेम में खस।
  • कक्ष में पानी के लिए बाल्टी, मग, बूंद-बूंद पद्धति आदि।
  • संग्रहण के लिए प्लास्टिक की टोकरी।

कक्ष का निर्माण:-

  • निर्माण के लिए थोड़ी सी ऊपरी सतह जहां पानी की आपूर्ति पास में हो।

बनाने की विधि:

  • फर्श पर ईंटों की दोहरी दीवार 3 इंच जगह छोड़कर लगभग 27 इंच की ऊंचाई तक बनावंे। कक्ष को पानी से सराबोर कर दोनों दीवारों के बीच की 3 इंच जगह पर गीली रेत से भरे।
  • सूखी घास (खसखस) को बांस के फ्रेम से ढक्कन बनाएं।
  • कक्ष सीधे धूप बारिश से बचाव के लिए घास से एक छत बनाएं।


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स्रोत: नई दुनिया