उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देकर किसानों को मालामाल बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिए गए संसाधन इस समय कोरोना संक्रमण के चलते जिले में जारी लॉकडाउन के दौरान किसानों के लिए वरदान बने हुए हैं। इस संकटकाल में भी उनकी रोजी-रोटी अच्छी चल रही है।
कोयले की खानों के लिए दुनियाभर में मषहूर अनूपपुर जिले के ग्राम सारंगगढ़ के रहने वाले कौशल प्रसाद ने धान उगाने से खेती का सफर शुरू किया था। मगर अधिक मुनाफा ना होने की वजह से उद्यानिकी विभाग की सलाह और तकनीकी मार्गदर्षन लेकर अनुदान बतौर ड्रिप, मलचिंग, वीडर, कैरेट जैसे संसाधनों की बदौलत तरबूज, खरबूजे एवं खीरे की खेती शुरू कर दी। कौशल प्रसाद को सपने में भी इस बात की कल्पना नहीं थी कि सरकारी संसाधनों से आरंभ तरबूज एवं खरबूजे का उत्पादन उन्हें लखपति बना देगा। कौशल प्रसाद ने अपनी लगन, परिश्रम और निष्ठा के बलबूते ना सिर्फ तरबूज एवं खरबूजे उत्पादन का व्यवसाय स्थापित कर लिया, बल्कि इससे हुई कमाई से मकान बनवा लिया, एक ट्रैक्टर खरीद लिया और एक मोटरसाइकिल भी खरीद ली।
महज 3 साल पहले तक उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। सिर्फ धान की खेती पर आजीविका चल रही थी। उसी दौरान उद्यान विभाग के मैदानी अमले ने उन्हें और कई काश्तकारों को इकट्ठा कर तरबूज एवं खरबूजे की खेती करने के लिए प्रेरित किया। उन्हें तरबूज- खरबूजे की खेती करने के गुर सिखाए। कौशल प्रसाद कहते हैं, ‘‘तरबूज एवं खरबूजे की खेती ने अब सारी टेंशन खत्म कर दी। पहले गृहस्थी चलाने और बच्चों की परवरिश को लेकर बहुत चिंता रहती थी। लॉकडाउन में भी इनकी फसलें भरपूर मुनाफा दे रही हैं‘‘।
उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक वी.डी. नायर ने बताया कि जिले में काश्तकारों की माली हालत सुधारने एवं उनकी आय बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों की उत्पादकता और उत्पादन को कई गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत ड्रिप सिंचाई पद्धति, संरक्षित खेती योजना अंतर्गत मलचिंग शीट तथा यंत्रीकरण के अंतर्गत पावर टिलर जैसे संसाधन अनुदान पर दिए गए हैं। यही वजह है कि लॉक डाउन के दौरान भी किसान उद्यानिकी फसलों से मुनाफे के साथ आजीविका चला रहा हैं।
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स्रोत: krishakjagat