लॉकडाउन में नुकसान से बचने के लिए क्या करें किसान? ICAR ने दिए सुझाव

April 10 2020

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने लॉकडाउन से कृषि उत्पादों को नष्ट होने से किसानों को होने वाले नुकसान से बचने के लिए सलाह दी है। आईसीएआर ने कहा है कि वाइन, टमाटर प्यूरी और मूल्य वर्धित उत्पाद बनाए जाने चाहिए। देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। लॉकडाउन में पाबंदियों के मद्देनजर आईसीएआर ने कृषि क्षेत्र के लिए राज्यवार दिशा निर्देश जारी किए हैं औक कहा है कि किसानों को जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को बचाना चाहिए। इसमें किसानों से वाइन, जैम, जेली, स्कवैश, टमाटर प्यूरी और मशरूम के मूल्य वर्धित उत्पाद बनाने का सुझाव दिए गए हैं।

मेघालय के किसानों के लिए दिशानिर्देश

आईसीएआर ने मेघालय के किसानों को दिशानिर्देश दिए, जिसमें कहा गया कि स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान इसके बिकने में परेशानी होने पर इससे वैल्यू एडेड उत्पाद बनाए। किसान स्ट्रॉबेरी से वाइन, जैम, जेली और स्कवैश बना सकते हैं। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान नहीं होगा। मालूम हो कि मेघालय में किसानों को मक्का के बीज और कुछ उर्वरक घर पर ही उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

नुकसान से बचने के लिए किसान कर सकते हैं ये काम

वहीं त्रिपुरा के किसानों को टमाटर की बिक्री में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए उन्हें टमाटर को जीरो एनर्जी कोल्ड चेंबर में भंडारण करने या टमाटर की प्यूरी बनाने का सुझाव दिया गया है। इतना ही नहीं, त्रिपुरा राज्य में मछली पालन करने वाले किसानों को घर में सरसों खल, चावल और पके हुए चावल से मछली चारा बनाने को कहा गया है। 

नागालैंड की बात करें, तो आईसीएआर ने नागालैंड में मशरूम के तैयार होने और उसकी बिक्री नहीं होने पर उसे धूप में सूखने की सलाह दी है। अगर ऐसा ना हो पाए, तो चूल्हे पर भी इसे सुखाया जा सकता है, जिसमें नमी की मात्रा पांच से छह फीसदी से अधिक नहीं हो।

इन उत्पादों का करें भंडारण

असम में आलू, टमाटर और मिर्च की बिक्री नहीं होने की स्थिति में उसे कोल्ड स्टोरेज में भंडारण करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही अरुणाचल प्रदेश में बांस से बने हवादार संरचना में आलू का भंडारण करने को कहा गया है। 


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स्रोत: अमर उजाला