लहसुन पैकिंग करवाकर तमिलनाडु भेज रहे किसान, हो रहा भारी मुनाफा !

April 30 2019

राजस्थान के बारन में पिछले दो साल से किसानों के लिए मुसीबत बना लहसुन का भाव इस बार काफी ज्यादा खुशी लेकर आया है। यहां पर किसान नकदी मसाला फसल को ग्रेडिंग व पैंकेजिंग करके तमिलनाडु में भेज रहे है। किसानों को इसमें एक किलों पर 20 रूपये का फायदा प्राप्त हो रहा है। कई किसानों ने ग्रेडिंग व पैंकेजिंग की शुरूआत की है। इस तरह के प्रयास से किसानों को काफी अच्छा मुनाफा भी हो रहा है।

किसानों को हो रहा अतिरिक्त फायदा

दरअसल पिछले साल किसानों को रकबा काफी अच्छा होने के कारण किसानों को लहसुन के दाम ठीक तरह से नहीं मिल रहे थे, इस साल लहसुन का रकबा काफी तेजी से घटा है। लेकिन बारिश और मौसम के अनुकूल हो जाने से लहसुन का काफी बंपर उत्पादन देखने को मिल रहा है। इस बार इस लहसुन का स्वाद भी काफी बेहतर है जिसके कारण इसका स्वाद और गुणवत्ता भी काफी बेहतर है। इसीलिए बहुत से किसानों को तमिलनाडु में भेजकर अतिरिक्त लाभ भी मिल रहा है। इससे ग्रेडिंग, पैकिंग और ट्रांसपोर्ट का खर्च निकालने के बाद किसानों को अतिरिक्त फायदा हो रहा है। अगर हम लहसुन के भावों की बात करें तो जिले की मंडियों में लहसुन का औसत भाव 4 हजार से 8 हजार रूपए क्विटंल मिल रहा है। वही तमिलनाडु के ऊटी और चेन्नई में यह 6 हजार से 12 हजार प्रति क्विंटल मिल रहा है। उद्यान विभाग ने किसानों को भी अध्ययन करके उचित फसल बेचने की सलाह दी है।

खर्च निकालकर 20 रूपए क्विंटल का लाभ

निवासी छोटूमाल मालव ने इस बात की जानकारी दी कि उन्होंने कुल 50 बीघा खेत में लहसुन की बुवाई की थी। इनमें से करीब 30 बीघा में ऊटी और 20 बीघा में स्थानीय लहसुन की खेती की बुवाई की गई थी। शुरूआत में 15 क्विंटल बीघा टन के हिसाब से 450 क्विंटल ऊटी लहसुन का भी उत्पादन हुआ और बाकी 20 बीघा क्षेत्र में 10 क्विंटल प्रति बीघा के हिसाब से करीब 200 क्लिटल लहसुन का उत्पादन हुआ है। उनका बेटा कुछ साल पहले मंडी में व्यापार करता था। फिर बाद में उन्होंने लहसुन के बाजार का अध्ययन किया इसीलिए वह खुद ही इसकी ग्रेंडिग करवा रहे है। इसमें वह मोटा, बेस्ट क्वालिटी, मध्यम, कलीदार लहसुन की अलग-अलग 8-10 किलों के लहसुन की पैकेजिंग करते है। वह इसे ट्रकों के सहारे तमिलनाडु के चेन्नई, ऊटी जैसे स्थानों पर बेच रहे है। वहां पर 6 से 12 रूपए प्रति क्विंटल का भाव मिलता है, सबसे बड़ी बात है कि ग्रेडिंग और पैकेजिंग का खर्च निकालने के बाद भी हर किलो से 10 से 20 रूपये ज्यादा का ही भाव मिल रहा है।

लहसुन की बेहतर क्वालिटी होगी पैदा

ग्रेडिंग, पैकिंग कर वहां बेचने पर लहसुन का 6 हजार से लेकर 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक का भाव मिल रहा है। जबकि स्थानीय मंडियों में माल बेचने पर 4 से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलता हैं। इससे किसानों को औसत 10 से 20 रूपए प्रति किलो अतिरिक्त दाम ही मिल रहा है। किसानों का कहना है कि इस तरह से लहसुन की बढ़िया ग्रेडिंग हो जाने से अलग-अलग क्वालिटी होने से फसलों का सही भाव मिल जाता है।

 

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स्रोत: कृषि जागरण