रेड और ब्लैक राइस से तैयार इडली, डोसा, कृषि मेले में चर्चित रहा जैविक व्यंजन

February 26 2020

रायपुर में जैविक फसलों की पैदावार ले रहे किसानों की आय जल्द दुगुनी होगी, क्योंकि जैविक फसलों से तैयार व्यंजन ने यह साबित कर दिया कि पारंपरिक और औषधीय चावल से तैयार व्यंजनों को किसी भी रूप में परोसा जाए, खाने वालों की कमी नहीं होगी। तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले में जिस प्रकार से लोगों की भीड़ जैविक व्यंजन के स्टॉल पर लगी थी, उसकी उम्मीद तो रायपुर कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी शुरू में नहीं की थी, लेकिन बेहतर सोच के साथ ट्रायल के रूप में रेड, ब्लैक और ग्रीन राइस से तैयार इडली, डोसा, उपमा और खीर जैविक व्यंजनों की कृषि मेला में लॉचिंग की गई। तीन दिवसीय कृषि मेले में सबसे अधिक लोगों की भीड़ लगी थी, जिससे जैविक व्यंजन से लगभग डेढ़ लाख रुपये की आय हुई, जो कि 70 फीसदी बचत है।

हर किसी की पसंद रहा जैविक व्यंजन

कृषि मेले में लगभग 70 से 90 स्टॉल कृषि विभाग के विभिन्न योजनाओं को लेकर था, लेकिन मेले में पहुंचे हर किसी की निगाह जैविक व्यंजन की तरफ जा रही थी। थोड़े से स्टॉक लेकर पहुंचे विभाग के कर्मचारियों को लगभग दो बार सामग्री के लिए किसानों से संपर्क करना पड़ा, क्योंकि उन्हें भी पता नहीं था कि रेड और ब्लैक राइस से तैयार जैविक व्यंजन को इतना पसंद किया जाएगा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्वयं आश्चर्य कर रहे हैं। यह बेहतर प्रयास विभाग के सभी लोगों का है। विभागीय सूत्रों की मानें तो अब जैविक व्यंजन को बड़े स्तर पर परोसने के लिए प्लानिंग होगी। इससे छग गढ़ कलेवा के आधार पर विभिन्न शासकीय विभागों में समूह की महिलाओं के माध्यम से जैविक व्यंजन को जोड़ा जाएगा।

विभाग ने लगाया था जैविक स्टॉल

कृषि विभाग ने किसानों को रासायनिक खाद से दूरी बनाने के लिए एक तरफ जहां आरंग ब्लॉक को जैविक खेती के लिए चुना है। वहीं पहली बार कृषि मेले में बादशाह भोग, विष्णुभोग, तुलसीमाला, जवांफूल, कोदो कुटकी, लोहंदी आदि जैविक फसलों की प्रदर्शनी लगी थी।

वर्सन

कृषि मेले में जैविक व्यंजनों को अधिक पसंद किया गया, किसानों की आय इससे कैसे बेहतर हो। इस पर विचार किया जाएगा।

- डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी, कृषि उत्पादन आयुक्त, छत्तीसगढ़



इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: नई दुनिया