राज्य में रबी बोनी 111 लाख हेक्टेयर से अधिक

December 24 2019

राज्य में अब तक रबी बोनी 111 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में कर ली गई है जबकि गत वर्ष इस अवधि में 97 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई थी। यह बुवाई गत वर्ष की तुलना में लगभग 14 लाख हेक्टेयर अधिक है। प्रदेश में गेहूं की बुवाई लक्ष्य को पार कर गई है। लक्ष्य की तुलना में अब तक 105 फीसदी बोनी पूरी हो गई है। इसके और बढऩे की संभावना है क्योंकि मौसम अनुकूल बना हुआ है। तापमान में गिरावट के साथ-साथ पर्याप्त नमी मौजूद है जो किसानों को राहत दे रही है। 

अब तक प्रदेश में 67.54 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया है जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 21.59 लाख हेक्टेयर अधिक है। परंतु दूसरी तरफ दलहनी एवं तिलहनी फसलों की बोनी धीमी गति से चल रही है गत वर्ष इस अवधि की तुलना में दलहनी फसलें 7 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र में बोई गई हैं तथा तिलहनी फसलें 1 लाख हेक्टेयर पीछे चल रही हैं।

प्रदेश में रबी फसलों का सामान्य क्षेत्र 107.74 लाख हेक्टेयर है। इस वर्ष 119.18 लाख हेक्टेयर में रबी फसलें लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरूद्ध अब तक 111.09 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई है। इसमें रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोनी अब तक 67.54 लाख हेक्टेयर में कर ली गई है। जबकि गत वर्ष अब तक गेहूं 45.95 लाख हेक्टेयर में बोया गया था। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक तापमान में गिरावट के कारण गेहूं की बोनी में तेजी आई है। वैसे भी गेहूं की बोनी 25 दिसम्बर तक की जा सकती है परन्तु इसके बाद बोनी करने पर उत्पादन प्रभावित होता है। गत वर्ष 60.21 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था इस वर्ष 64 लाख हेक्टेयर में गेहूं बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। 

राज्य में रबी की दूसरी प्रमुख फसल चने की बोनी इस वर्ष धीमी गति से चल रही है। अब तक 25.88 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई है जबकि गत वर्ष इसकी बोनी अब तक 31.89 लाख हेक्टेयर में कर ली गई थी। राज्य में इस वर्ष 34.15 लाख हेक्टेयर में चना बोने का लक्ष्य रखा गया है। 

प्रदेश में अन्य फसलों के तहत अब तक जौं 1.02 लाख हेक्टेयर में, मटर 2.49, मसूर 4.58, सरसों 6.94 लाख हेक्टेयर में एवं गन्ना 78 हजार हेक्टेयर में बोया गया है। इस प्रकार राज्य में अब तक कुल अनाज फसलें 101.99 लाख हेक्टेयर में बोई गयी हैं जबकि गत वर्ष इस समय तक 87.26 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई थी इसी प्रकार दलहनी फसलें 33.43 लाख हेक्टेयर में एवं तिलहनी फसलें 8.31 लाख हेक्टेयर में बोयी गयी है।

 

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स्रोत: कृषक जगत