राजस्थान में सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को फसली ऋण वितरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। राजस्थान का सहकारिता विभाग सहकारी फसली ऋण पोर्टल के जरिए ऋण वितरण की शुरूआत करने जा रहा है। यह व्यवस्था सोमवार से लागू होगी और ऐसा प्रयास करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
इस तरह काम करेगी योजना
नई व्यवस्था के तहत किसान को सहकारी समिति या ई-मित्र केन्द्र पर जाकर ऑनलाइन पंजीयन करवाना होगा। पंजीयन बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर किया जाएगा। बायोमैट्रिक सत्यापन के पश्चात् किसान को डिजीटल मेम्बर रजिस्टर (डीएमआर) दिया जाएगा और इसी के जरिए ऋण का वितरण किया जाएगा। इस व्यवस्थ्ज्ञा को आधार से भी लिंक किया गया है, इसलिए इसमें किसी तरह गडबडी की गुंजाइश नहीं रहेगी और सम्बन्धित व्यक्ति को ही कर्ज मिलेगा।
पंजीयन के दौरान ही किसान का पिछला रिकार्ड भी आ जाएगा और यह पता चल जाएग कि वह पहले डिफाल्टर तो नहीं रहा है। किसान का पंजीयन होने पर उसके अधिकृत मोबाइल पर मैसेज से सूचित किया जाएगा तथा रसीद दी जाएगी, जिस पर यूनिक आवेदन पत्र क्रमांक अंकित होगा। इस क्रमांक का उपयोग किसान द्वारा भविष्य में समिति, बैंक से व्यवहार या सेवा के लिए कर सकते है।
नई फसली ऋण व्यवस्था में किसान बैंक की शाखा से फसली ऋण नकद रूप में प्राप्त करने के अलावा रूपे किसान डेबिट कार्ड के माध्यम से एटीएम से प्राप्त कर सकेगा। इसके अलावा किसान को सहूलियत देने के लिये समिति में एफआइजी (फिनेन्सियल इंक्लूजन गेटवे) के माध्यम से ऋण प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है। सहकारी समितियों रजिस्ट्रार नीरज के. पवन ने बताया कि प्रदेश के 25 लाख से अधिक किसानों को वर्ष 2019-20 में 16 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण किया जायेगा। सदस्य किसानों को 10 हजार करोड़ रुपये खरीफ सीजन में तथा 6 हजार करोड़ रुपये रबी सीजन में वितरित किया जायेगा।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: नई दुनिया