राजस्थान बना फसली ऋण व्यवस्था को ऑनलाइन करने वाला देश का पहला राज्य

June 03 2019

राजस्थान में सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को फसली ऋण वितरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। राजस्थान का सहकारिता विभाग सहकारी फसली ऋण पोर्टल के जरिए ऋण वितरण की शुरूआत करने जा रहा है। यह व्यवस्था सोमवार से लागू होगी और ऐसा प्रयास करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।

राजस्थान में अब तक किसानों को सहकारी फसली ऋण की प्रक्रिया को सहकारी समितियों और बैंकों के जरिए संपन्न किया जाता था, लेकिन अब सहकारी समिति के सदस्य किसानों को ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं बहुउद्देशीय कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियों के माध्यम से दिए जाने वाले फसली ऋण का वितरण पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया हैं। राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि फसली ऋण वितरण की नई योजना के बाद स्थानीय स्तर पर होने वाली गड़बड़ियां और सहकारी समितियो की मनमानी खत्म हो जाएगी और जो भी पात्र है, उसे आसानी से कर्ज मिल सकेगा।

इस तरह काम करेगी योजना

नई व्यवस्था के तहत किसान को सहकारी समिति या ई-मित्र केन्द्र पर जाकर ऑनलाइन पंजीयन करवाना होगा। पंजीयन बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर किया जाएगा। बायोमैट्रिक सत्यापन के पश्चात् किसान को डिजीटल मेम्बर रजिस्टर (डीएमआर) दिया जाएगा और इसी के जरिए ऋण का वितरण किया जाएगा। इस व्यवस्थ्ज्ञा को आधार से भी लिंक किया गया है, इसलिए इसमें किसी तरह गडबडी की गुंजाइश नहीं रहेगी और सम्बन्धित व्यक्ति को ही कर्ज मिलेगा।

पंजीयन के दौरान ही किसान का पिछला रिकार्ड भी आ जाएगा और यह पता चल जाएग कि वह पहले डिफाल्टर तो नहीं रहा है। किसान का पंजीयन होने पर उसके अधिकृत मोबाइल पर मैसेज से सूचित किया जाएगा तथा रसीद दी जाएगी, जिस पर यूनिक आवेदन पत्र क्रमांक अंकित होगा। इस क्रमांक का उपयोग किसान द्वारा भविष्य में समिति, बैंक से व्यवहार या सेवा के लिए कर सकते है।

नई फसली ऋण व्यवस्था में किसान बैंक की शाखा से फसली ऋण नकद रूप में प्राप्त करने के अलावा रूपे किसान डेबिट कार्ड के माध्यम से एटीएम से प्राप्त कर सकेगा। इसके अलावा किसान को सहूलियत देने के लिये समिति में एफआइजी (फिनेन्सियल इंक्लूजन गेटवे) के माध्यम से ऋण प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है। सहकारी समितियों रजिस्ट्रार नीरज के. पवन ने बताया कि प्रदेश के 25 लाख से अधिक किसानों को वर्ष 2019-20 में 16 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण किया जायेगा। सदस्य किसानों को 10 हजार करोड़ रुपये खरीफ सीजन में तथा 6 हजार करोड़ रुपये रबी सीजन में वितरित किया जायेगा।

 

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स्रोत: नई दुनिया