राजस्थान की कृषि उपज मंडियों को Wi-Fi से जोड़कर करेंगे ऑनलाइन, 34 करोड़ के प्रस्‍ताव मंजूर

January 24 2020

राजस्थान की 38 कृषि उपज मंडियोें को Wi-Fi से जोड़कर ऑनलाइन किया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न मंडियों में विकास कार्य करवाने के लिए 34 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। साथ ही 5 अनाज मंडियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा देने की भी स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को यह फैसला किया है। इससे किसानों को उनके नजदीकी स्थान पर उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। साथ ही वे वाई-फाई सिस्टम के जरिए अपनी उपज को देश की विभिन्न मंडियों में ई-नाम योजना के तहत अच्छे से अच्छे दाम पर बेच सकेंगे। कृषि उपज मंडियों में लगभग 34 करोड़ रुपए से वाईफाई सिस्टम एवं विद्युत लाइन के कार्य तथा नए प्लेटफाॅर्म, मजदूरों के लिए शेड, चारदीवारी, कार्यालय भवन एवं शौचालय आदि के निर्माण कार्य शामिल हैं।

गहलोत ने ई-नाम (ई-राष्ट्रीय कृषि मंडी) योजना के तहत प्रदेश की 38 कृषि उपज मंडियों को ऑनलाइन करने के लिए वाईफाई नेटवर्क की व्यवस्था और उच्च तकनीक की विद्युत अर्थिंग के लिए लगभग 22.82 करोड़ रूपए के निर्माण कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर एवं झालरापाटन मंडी परिसरों में नवीन निर्माण कार्यों के साथ-साथ टीनशेड, चारदीवारी, टाॅयलेट, कार्यालय भवन आदि के निर्माण और जीर्णोद्धार कार्याें के लिए भी क्रमशः 3.56 करोड़ रूपए एवं 1.21 करोड़ रूपए के ब्याज रहित ऋण मंडी विकास निधि से उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है।

गहलोत ने किसानों को कृषि विपणन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य के तीन जिलों में स्थित पांच मंडी यार्डों अलवर जिले के बहरोड़, किशनगढ़बास और तिजारा, झालावाड़ के मनोहर थाना और पाली के सोजत सिटी में स्वतंत्र मंडियां बनाने के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है।

 

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स्रोत: नई दुनिया