यूसुफ ने सरकारी नौकरी छोड़ की मशरूम की खेती, बेरोजगारों के लिए बने मिसाल

December 17 2019

जिला ऊना के नंगल संलागड़ी निवासी यूसुफ खान प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए मिसाल हैं। कृषि विभाग के आत्मा प्रोजेक्ट में काम करने वाले यूसुफ खान ने नौकरी छोड़ कर वर्ष 2000 में मशरूम का व्यवसाय शुरू किया। मशरूम के व्यवसाय से आज न सिर्फ यूसुफ पैसा कमा रहे हैं, बल्कि उनके साथ काम करने वाले 10-15 लोगों की आजीविका भी मशरूम के कारोबार से ही चल रही है।

मशरूम यूनिट के लिए वर्ष 2007 में उन्होंने 10 लाख का ऋण लिया। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019 में कंपोस्ट यूनिट के लिए 20 लाख रुपये का लोन लिया, जिस पर प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें 40 प्रतिशत सब्सिडी मिली। यूसुफ खान का कहना है कि अब उनके पास 6 ग्रीन हाउस हैं।

मुख्यमंत्री ग्रीन हाउस नवीकरण योजना के तहत वर्ष 2011-12 में प्रदेश सरकार से उपदान लिया था। इस पर उन्हें 80 प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त हुई थी। मशरूम के साथ-साथ अब वह शिमला मिर्च और टमाटर भी उगा रहे हैं, जिन्हें बेचकर उन्हें कमाई का अतिरिक्त साधन मिल गया है।

यूसुफ प्रगतिशील किसानों को मशरूम उगाने का प्रशिक्षण भी देते हैं। किसानों, निजी संस्थाओं, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों के अलावा स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों को भी मशरूम और सब्जियों की पैदावार से संबंधित प्रशिक्षण देते हैं। 

मशरूम यूनिट के लिए मिलती है सब्सिडी

उद्यान विभाग के उप निदेशक डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि हिमाचल खुंब विकास योजना के तहत प्रदेश सरकार 20 मीट्रिक टन की क्षमता वाला यूनिट लगाने के लिए अधिकतम 8 लाख रुपये की सब्सिडी तथा एक लाख रुपये का घरेलू यूनिट लगाने के लिए 50 हजार रुपये की सब्सिडी देती है।

 

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स्रोत: अमर उजाला