दिमाग की नसें खोलने या याददाश्त बढ़ाने के लिए अब आपको दवाइयां या टॉनिक की जरूरत नहीं है। देश के इकलौते राष्ट्रीय खुंब अनुसंधान केंद्र सोलन के वैज्ञानिकों ने मशरूम की एक ऐसी प्रजाति तैयार की है जो आपके नर्वस सिस्टम को बिगड़ने नहीं देगा।
खुंब अनुसंधान निदेशालय के मशरूम वैज्ञानिक डा. सतीश शर्मा ने बताया कि हिरेशियम प्रजाति की मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें बीटागम ग्लॉकन, साइकेन और हरेशीमॉन तत्व पाया जाता है, जो दिमाग की नसों के लिए फायदेमंद होता है। इससे इंसान की सोचने की शक्ति बढ़ती है।
लकड़ी के बुरादे में उगाते हैं इसे
इसमें विटामिन-डी भी भरपूर मात्रा है, जो हड्डियों को मजबूत बनाती है। इसका सेवन अन्य मशरूम की तरह भोजन के लिए किया जा सकता है। डीएमआर सोलन के निदेशक वीपी शर्मा ने बताया कि जल्द ही इस मशरूम को किसानों के उत्पादन के लिए मार्केट में उतारा जाएगा।
वैज्ञानिक सतीश ने बताया कि इस मशरूम को लकड़ी के बुरादे में उगाया जाता है। ब्लॉक बनाने के बाद इसमें मशरूम का बीज डाला जाता है और इसे 18 से 20 डिग्री तापमान में रखा जाता है। थोड़ी सी ग्रोथ के बाद इसे 23 से 25 डिग्री तापमान में रखते हैं। यह मशरूम 35 से 40 दिन में तैयार हो जाती है।
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स्रोत: अमर उजाला