चित्रकूट जिले में जाडे़ के मौसम में इस साल मौसम की बेरुखी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। बारिश के साथ कई बार ओलावृष्टि होने से किसानों की फसलें नष्ट हो गईं। वहीं महीनों से बदली छाने व कोहरा होने से फसल में पाला पड़ गया है। जिससे किसानों की फसल नष्ट हो रही है। जिन किसानों ने देर से गेहूं की बुआई किया है उसके बीज भी सड़ गए।
जिससे किसानों की फसल नष्ठ हो गई थी। यह बात प्रशासनिक अधिकारियों ने सर्वेक्षण कराने के बाद भी मानी है। वह आए दिन बारिश होने के साथ ही कोहरा छाया रहता हैं। जिससे पाला पडने से अरहर, मसूर की फसल खराब हो रही है। जबकि सरसों की फसल में माहूं व कीटपंतग होने से नुकसान हो रहा है।
इस साल गेहूं की फसल की बुआई किसानों ने देर किया। मौसम सही न होने के कारण खेतों में नमीं अधिक होने के कारण बीज बरवाद हो गए। वही कई किसानों ने खेतों में नमी अधिक होने के कारण बीज ही नहीं बोए।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बीते दिनों ओलावृष्टि व बारिश होने से जो सर्वे कराया है। उसमें सबसे अधिक नुकसान मऊ व मानिकुर क्षेत्र में हुआ है। जसे सरसों, अरहर, मसूर औश्र जौ को नुकसान हुआ है।
मऊ क्षेत्र के सिलौटा, देवीपुर, जोरवारा, करही, धुनुवा, विसौंधा, बराछी, ताड़ी, चकौरा, कटैयाखादर, रामनगर में में सर्वे के आधार पर चना दस 15 प्रतिशत, गेहूं 20 से 25, सरसो 10 से 15, जौ 3 से 15 प्रतिशत नुकसान हुआ। इसी तरह से मानिकपुर तहसील के किहुनिया, चंद्रामारा, अमचेरूनेरूआ, छेछरिया, चंद्रामारा, इटवा, में भी इन फसलों को 10 से 20 प्रतिशत फसल को नुकसान हुआ है।
एडीएम जीपी सिंह ने बताया कि मौसम के खराब होने व ओलावृष्टि से किसानों की फसल के नुकसान का सर्वे कराकर शासन को भेजा गया है।
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स्रोत: अमर उजाला