मौसम का ध्यान रखते हुए गेहूं और चना फसल की करें कटाई

March 31 2021

 पिछले दिनों बेमौसम हुई बरसात से रबी की फसलों को नुकसान हुआ। इसी तरह उद्यानिकी फसले भी सबसे अधिक प्रभावित हुई। अब तेज धूप ने किसानों को परेशान करना शुरू कर दिया है। किसानों को राहत देने के लिए कृषि संचालनालय के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कई सलाह दी है। जिससे फसलों को बचाया जा सके।

किसान मौसम का ध्यान में रखते हुए गेहूं और चने फसल की कटाई का कार्य कुछ दिनों तक नही करें। किसान को सलाह दी गई है कि ग्रीष्म कालीन धान की फसल में तना छेदक कीट के प्रकोप से फसल को बचाने के लिए प्रारंभिक नियंत्रण के लिए प्रकाश प्रपंच या फिरोमेन ट्रेप का उपयोग करें।

कृषि विज्ञानिकी की मानें तो रासायनिक कीट नियंत्रण फरटेरा (रायनेक्सीपार) दस किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या करटाप बीस किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करें। अभी मक्का की फसल में तना छेदक का प्रकोप बढ़ सकता है। अतः इसकी सतत निगरानी करते रहे। फसलों में थ्रिप्स कीट की उपस्थिति की जांच करें।

मैदानी भागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर हल्की बौछारे पड़ने की संभावना को देखते हुए पकी हुई दलहनी एवं तिलहनी फसलों की कटाई का कार्य भी अभी नहीं करें। इसी तरह से सब्जी और फलों की फसलों के लिए सलाह दी गई है कि बेल वाली फसलों की मचान सहारे को ठीक करें। कुंदरू एवं परवल में उर्वरक दें।

बेर की किस्म के उन्नयन के लिए मातृवृक्ष में कलिका की तैयारी करें। फरवरी में बुवाई की गई फसले जैसे भिन्डी, बरबटी, ग्वारफली इत्यादि में गुडाई कर सिंचाई करें।केला एवं पपीता के पौध में सप्ताह में एक बार पानी अवश्य दें तथा टपक सिंचाई में सिंचाई समय बढ़ाए।

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स्रोत: naidunia