मोदी सरकार ने 8 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे भेजे 17,877 करोड़ रुपये

May 06 2020

मोदी सरकार (Modi Government) ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान देश के 8.938 करोड़ किसानों (Farmers)  के बैंक अकाउंट में सीधे 17,877 करोड़ रुपये की मदद भेज दी है. पीएम किसान सम्मान निधि (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) की चौथी किश्त का पैसा भेजा गया है. इसके तहत कोरोना संकट काल में इन सभी किसानों को 2-2 हजार रुपये की मदद मिली है. यह पैसा डायरेक्ट बेनिफट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजा गया है. गेहूं कटाई के इस सीजन में इस रकम से छोटे किसानों को काफी राहत मिली है. इसे मिलाकर अब तक स्कीम के तहत करीब 70 हजार करोड़ की सीधी मदद दी जा चुकी है.

लॉकडाउन में गरीबों और किसानों को ज्यादा असर न पड़े इसके लिए सरकार ने बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था. इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण और राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने किसान सम्मान निधि का भी जिक्र किया था. इस स्कीम से सबसे अधिक लाभान्वित राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं.  पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने यहां इसे अब भी लागू नहीं किया है.

इस स्कीम के तहत किसानों को डायरेक्ट पैसा मिल रहा है. कोई अधिकारी और नेता इसे खा नहीं पा रहा है. लॉकडाउन में यह बड़ा सहारा बनकर उभरी है. इसलिए अब इसकी रकम 4 गुना करने की मांग की जा रही है. आईए जानते हैं किसने-किसने इसकी रकम बढ़ाने की मांग उठाई है.

(1)  कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की अगुवाई वाले स्वामीनाथन फाउंडेशन ने पीएम किसान योजना के तहत दी जाने वाली रकम को 6000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये सालाना करने का सुझाव दिया है.

(2)  पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पीएम किसान स्कीम के तहत सालाना 12000 रुपये देने का सुझाव दिया है.

(3)  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्य कांति घोष ने अपने एक रिसर्च पेपर में कहा है कि PM-KISAN की रकम को अगले पांच साल के लिए 6000 रुपये सालाना से बढ़ाकर 8000 रुपये करना चाहिए. यह मार्केट में फील गुड फैक्टर और उत्साह बढ़ाएगा.

(4)  राष्ट्रीय किसान महासंघ के संस्थापक सदस्य और कृषि मामलों के जानकार विनोद आनंद ने किसानों को सालाना 24 हजार रुपये देने की मांग की है.

(5)  किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह भी इसे हर माह 2000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं.


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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी