मोदी सरकार की नई सुविधा, ये नंबर करेंगे लॉकडाउन में किसानों की सबसे बड़ी समस्या का समाधान

April 15 2020

खेती-किसानी से जुड़े कार्यों को कोविड-19 लॉकडाउन (Covid-19 Lockdown) में छूट देने के बावजूद ट्रासंपोर्ट व्यवस्था किसानों के सामने बड़ी परेशानी बनकर उभरी है. जिसकी वजह से कई जगहों से न तो अनाज की ढुलाई हो पा रही है और न ही सब्जियों की. कई राज्यों में एक तरफ सब्जियां खेती में सड़ गईं तो दूसरी ओर शहरों में रह रहे लोगों को महंगे रेट पर मिलीं. इस समस्या का समाधान करने के लिए मोदी सरकार ने पहल शुरू कर दी है. सरकार ने राज्यों के बीच कृषि उत्पादों (Agriculture commodities) की ढुलाई की समस्या के समाधान के लिए कृषि परिवहन कॉल सेंटर शुरू किया है. इसका नंबर 18001804200 और 14488 है.

इन उत्पादों में जल्दी खराब होने वाले सामान भी शामिल हैं. जिनकी सरकारी खरीद के लिए लिए पहले ही किसान बाजार हस्तक्षेप योजना भी लागू की जा चुकी है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक कॉल सेंटर (Agriculture Transport Call Center) के इन दोनों नंबरों पर किसी भी मोबाइल या लैंडलाइन फोन से संपर्क किया जा सकता है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra singh tomar) ने बताया कि यह कॉल सेंटर सब्जियों, फलों, बीज, कीटनाशकों और खादों के अंतरराज्जीय परिवहन के लिए समन्वय स्थापित करेगा. ट्रक ड्राइवर, ट्रेडर, खुदरा कारोबारी या अन्य किसी भी पक्ष को कृषि सामान अगर एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने और लाने में कोई समस्या हो रही है तो वे इस कॉल सेंटर पर संपर्क कर मदद ले सकते हैं.

कृषि उत्पाद लदे ट्रकों को रोक रही थी पुलिस

कॉल सेंटर में तैनात कर्मचारी समस्या के निवारण के लिए वाहन और माल के बारे में पूरा ब्योरा संबंधित राज्य सरकारों के अधिकारियों को भेजेंगे. इससे मंडी लेकर कृषि उद्योगों और खेतों तक सामान पहुंचाने में मदद मिलेगी. केंद्र को उद्योग से कई शिकायतें मिली थी कि जमीनी स्तर पर छूट को लेकर चीजें साफ नहीं होने से पुलिस राज्यों की सीमाओं पर ट्रकों को रोकती है.

किसान नेता ने उठाई थी समस्या

पिछले सप्ताह किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह ने न्यूज18 से बातचीत में कहा था कि अनाज, दूध, चीनी और सब्जियों का उत्पादन सरप्लस है. छिंदवाड़ा सहित कई जगह टमाटर खेतों में सड़ रहा है, लेकिन पुलिस तंत्र सामान को पहुंचने नहीं दे रहा. केंद्र सरकार के आदेश के बावजूद पुलिस वालों की भ्रष्ट कार्य प्रणाली की वजह से ट्रक रास्ते में रोके जा रहे हैं. मांग और उत्पादन में कोई दिक्कत नहीं है. सिर्फ वस्तुओं (commodity) की आपूर्ति में गड़बड़ी है. यानी उत्पादक से खरीदने वाले तक सामान पहुंचाने की परेशानी. देखना है कि कॉल सेंटर व्यवस्था माल ढुलाई की समस्या का समाधान करने में कितना कारगर साबित होती है.


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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी