मुर्गी पालन और फूलों की खेती का निःशुल्क प्रशिक्षण, जल्द करें आवेदन

January 31 2020

केंद्र सरकार ने साल 2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य बनाया है. इसको पूरा करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसके लिए पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन के साथ फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों को कई सरकारी योजनाओं की मदद भी दी जा रही है. इसके तहत कृषि क्षेत्र को कुशल बनाने के लिए समय–समय कृषि संबधी विषयों पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाते हैं, ताकि हमारे देश के किसानों को खेती से अच्छा रोजगार मिल पाए. इसी कड़ी में केंद्र सरकार के द्वारा कौशल विकास योजना भी अहम मानी जाती है. जिसके तहत किसानों को कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसी खास विषय पर प्रशिक्षण दिया जाता है. इस योजना के तहत ही मध्य प्रदेश के दतिया जिले में किसानों को दो विषय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा.

कहां दिया जाएगा प्रशिक्षण

देश के सभी जिलों में कृषि विकास केंद्र होते हैं, जहाँ किसानों को अलग–अलग विषय पर प्रशिक्षण दिया जाता है. इस योजना के तहत भी मध्य प्रदेश के दतिया जिले के कृषि विज्ञान केंद्र पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह प्रशिक्षण एक महीने तक दिया जाएगा, जिसकी शुरुआत 1 फरवरी से हो रही है, जो इस महीने के अन्त तक चलेगी. ध्यान दें कि इस प्रशिक्षण के लिए 31जनवरी से पहले सूचित करना है.

  • प्रशिक्षण का विषय (Training subject)
  • मुर्गी पालन (Poultry)
  • फूलों की खेती (Flower farming)
  • शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualifications)
  • कृषि विज्ञान केंद्र की मांग है कि मुर्गी पालन औऱ फूल की खेती के प्रशिक्षण के लिए आवेदक कम से कम 8वीं पास होना चाहिए.  
  • प्रशिक्षण के लिए उम्र सीमा (Age limit for training)
  • किसानों की उम्र 18 से 35 साल की होनी चाहिए. इससे अधिक उम्र वाले किसान इस प्रशिक्षण का लाभ  नहीं उठा सकते हैं.
  • प्रशिक्षण शुल्क (Training Fees)

खास बात है कि इस प्रशिक्षण के लिए किसानों से कोई फ़ीस नहीं ली जा रही है. इस प्रशिक्षण में कोई भी किसान हिस्सा ले सकता है, जो बिलकुल नि:शुल्क दी जा रही है. इतना ही नहीं, जो किसान शहर के बाहर से आ रहें हैं, उनके लिए रुकने और भोजन की व्यवस्था भी होगी. यह सुविधा सभी अभ्यार्थी के लिए लागू है, जो अभियार्थी एक महीने तक कृषि विज्ञान केंद्र में रुकना चाहते हैं, उनके लिए रुकने और भोजन की व्यवस्था की गई है.


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स्रोत: कृषि जागरण