जून माह शुरू होते ही बरसात का मौसम शुरू हो जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल वर्षा का 90 प्रतिशत पानी बेकार जाता है यदि इस पानी का संरक्षण किया जाए तो हमारे देश में जो सिंचाई के लिए पानी की कमी होती है उसको पूरा किया जा सकता है। देश में लगातार जल स्तर नीचे जा रहा है। इसका मुख्य कारण पानी का दोहन है। यदि देखा जाए तो खेतों में सिंचाई में सबसे ज्यादा पानी बर्बाद होता है। यह आने वाले समय में एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में सामने आएगा।
कृषि विज्ञान केंद्र के बागवानी विशेषज्ञ डॉ. रशीद खान के अनुसार कृषि में सबसे अधिक जल की खपत बागवानी फसलों को होती है। सिंचाई के उन्नत तकनीक जैसे ड्रिप सिंचाई व सूक्ष्म फव्वारा सिंचाई विधि अपनाकर 30-40 प्रतिशत जल की बचत की जा सकती है। उद्यान विभाग द्वारा उपरोक्त पर 50-70 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जा रहा है। वर्षा जल संरक्षण की विधियां अपनाकर किसान वर्षा आधारित बागवानी करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: krishakjagat