मानसून का इंतजार, हल्की बारिश होने के बाद भी कोई राहत नहीं

June 17 2019

बीते हफ्ते हल्की बारिश हुई थी, इस कारण लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली थी। लेकिन बीते चार दिनों से बारिश नहीं होने के कारण लोग उमस व गर्मी से परेशान है। वहीं जिले के किसान बेसब्री से मानसून का इंतजार कर रहे है। लेकिन मानसून अभी तक राज्य में नही पहुंचा है। इस कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है। सबसे ज्यादा परेशानी जिले के गन्नाा किसानों को है। बारिश नहीं होने के कारण गन्नाा की फसल सूख जाएगी। जिले के करीब 90 प्रतिशत लोग सीधे तौर पर कृषि से जुड़े हुए है। इस कारण सभी को मानसून का इंतजार है। इधर केंद्रीय मौसम विज्ञान विभाग नई दिल्ली ने पूर्वानुमान जारी किया था कि अंडमान से 29 मई तक मानसून आगे बढ़ जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ है। अभी भी मानसून अंडमान में ही अटका हुआ है। अगर यह ऐसे ही विलंब से आगे बढ़ता रहा तो समझिए की मानसून रायपुर इस बार 20 जून के बाद ही पहुंचेगा।

तापमान में गिरावट आई, लेकिन उमस से परेशानी बढ़ी

बीते हफ्ते हुए बारिश से जहां तापमान में गिरावट आने से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिला था। वर्तमान में जिले के तापमान में गिरावट आई है। लेकिन उमस से लोग परेशान है। मानसून की देरी से भी सभी वर्ग परेशान है। वर्तमान में जो बारिश हुई वह मानसून नहीं बल्कि द्रोणिका, ऊपरी हवा के चक्रवात के चलते हुए। शनिवार को कवर्धा शहर का तापमान अधिकतम 36 व न्यूनतम 28 डिग्री था।

केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने मानसून पूर्व तैयारियों के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

भारत सरकार के कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा राज्यों के मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिवों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों में मानसून की स्थिति सहित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किए जा रहे कार्यो, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, पेयजल, सिंचाई, सूखा और बांधों में पानी की स्थिति का संज्ञान लेते हुए आवश्यक तैयारी रखने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा जल संरक्षण और संवर्धन के लिए देश के 2.30 लाख सरपंचों को पत्र लिखा गया है और जल संरक्षण के संबंध 22 जून को विशेष ग्रामसभा आयोजन करने कहा है। राज्य के प्रभारी मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव सीके खेतान ने राज्य में मानसून की स्थिति और मानसून के दौरान पहुंचविहीन क्षेत्रों में राशन का भंडारण, आपदा हेतु दवाईयों और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था, आपदा प्रबंधन केन्द्रों का जिला मुख्यालयों में प्रारंभ करने तथा जलाशयों में पानी की स्थिति, पेयजल व्यवस्था आदि की जानकारी दी। उन्होंने बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए की गई तैयारियों के संबंध में भी जानकारी दी।

गत वर्ष के ऋणी किसानों को इस वर्ष भी मिलेगा ऋण

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों की ऋण माफी योजना के तहत सहकारी बैकों, ग्रामीण बैकों और राष्ट्रीयकृत वाणिज्यिक बैकों के माध्यम से किसानों का ऋण माफ किया गया है। राष्ट्रीयकृत बैंकों में ऋण माफी प्रक्रियाधीन है। सहकारिता विभाग के विशेष सचिव धनंजय देवागंन ने बताया कि जिन किसानों द्वारा गत वर्ष कृषि ऋण लिया गया था, उनको मांग अनुसार इस वर्ष भी कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान ऋण नहीं मिलने पर शिकायत निराकरण के लिए संबंधित क्षेत्र के सहायक पंजीयक, उप पंजीयक और संयुक्त पंजीयक सहकारिता से संपर्क कर सकते हैं।

समिति स्तर पर ऋण देने से इंकार करने पर संबंधित के विरूद्घ होगी कार्रवाई

पंजीयक सहकारी संस्थाएं धनंजय देवांगन ने अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना-2018 के लाभान्वित कृषकों को ऋण माफी के बाद पुनः नवीन ऋण प्रदान करने के संबंध में निर्देशित किया है। उन्होंने प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर और जगदलपुर के संयुक्त पंजीयक तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी बैंक रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर, जगदलपुर और राजनांदगांव को इस संबंध में पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा है कि किसानों को नियमानुसार ऋण वितरण किए जाए। समिति स्तर पर जानबूझ कर किसान को ऋण देने से इंकार करने संबंधी तथ्य संज्ञान में आने पर संबंधित के विरूद्घ कठोर कार्रवाई की जाएगी। शासन द्वारा 30 नवंबर 2018 की स्थिति में ऋण माफी की जा चुकी है। अतः किसानों को नियमानुसार ऋण वितरण किया जाए।

बारिश से पहले बिजली कंपनी भी कर रही मेनेंटनेंश

इधर आने वाले मानसून को देखते हुए बिजली कंपनी भी अपने पोल, ट्रांसफार्मर समेत अन्य मशीनों की देख रेख करने के लिए तैयारी में लगी हुई है। वर्तमान में कई जगहों में बिजली बंद की जा रही है, वह मेनेटनेंस के रूप रुप में किया जा रहा है। इसे लेकर कंपनी संबंधित क्षेत्र के लोगों को जानकारी भी दे चुकी है। शहर के विभिन्ना क्षेत्रों में प्री-मानसून को लेकर कंपनी द्वारा काम किया जा रहा है।

 

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स्रोत: नई दुनिया