एक से 22 जून की स्थिति में जिले में 320.20 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है। बीते वर्ष इसी तिथि तक 425.20 मिलीमीटर वर्षा हुई थी, जो वर्तमान स्थिति में 105.00 मिलीमीटर कम है। वर्षा कमहोने के कारण कृषि में अपेक्षित प्रगति नहीं है। रोपा बुआई के लिए किसानो मानसून का इंतजार है। खरीपᆬ वर्ष 2019 में 95260 हेक्टेयर में पᆬसल क्षेत्राच्छादन का लक्ष्य रखा गया है।
शुरू नहीं हुई लिफ्ट इरीगेशन
सिंचाई सुविधा से जूझ रहे किसानों को लिफ्ट इरीगेशन से जोड़ने के लिए शासन से 13 करोड़ बजट की स्वीकृति मिली है। जल संसाधन विभाग में राशि आवंटन नहीं होने से दर्री बरॉज के नहरों से किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं मिलेगी माइनर के जलाशय सूख चुके हैं, जिनसे आश्रित खेतों को पानी मिलना संभव नहीं है। वर्षा जल संरक्षण के लिए किसानों के पास सुविधा नहीं होने से सूखे की समस्या से निपटना समस्या का सबब बना हुआ है।
संशय के दायरे में वर्षामापी यंत्र
वर्षामापी यंत्र से खेती के लिए पानी की उपलब्धता संशय के दायरे में देखा जा रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारियों की ओर से कृषि विभाग को जानकारी दी जाती है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो खंड वर्षा का दौर जारी है। जहां वर्षामापी यंत्र होती है उस दायरे में वर्षा अधिक होने से यंत्र अधिक बारिश दर्शाता है। किसान मानसून की आस लगाए बैठे हैं। मानसून आगमन के बाद ही खेती में प्रगति आएगी।
वर्षा की स्थिति अब तक (मिमी में)
विकासखंडवर्ष 2018वर्ष 2019
कोरबा34.5-109.7
करतला105.6-66.4
कटघोरा150.1-18.2
पाली71.4-63.4
पोंड़ी उपरोड़ा63.6-62.5
योग425.2-320.2
एक जून से अब तक हुई वर्षा पिछले वर्ष की तुलना में कम है। किसानों ने खेती की तैयारी शुरू कर दी है। रोपा बुआई के लिए मानसून का इंतजार है। किसानों को जल संरक्षण के बारे में जानकारी दी जा रही है।
- डीपीएस कंवर, सहायक उप संचालक कृषि
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स्रोत: नई दुनिया